Published 20:12 IST, October 25th 2024
BREAKING: ज्ञानवापी शिवलिंग सर्वे मामले में वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, हिंदू पक्ष की याचिका खारिज
ज्ञानवापी शिवलिंग सर्वे मामले में वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी है।
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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी शिवलिंग सर्वे मामले में वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। 33 साल पुराने मामले में बहस पूरे होने के बाद कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हिंदू पक्ष के अतिरिक्त सर्वे की मांग को खारिज करते हुए कहा कि अब ज्ञानवापी मस्जिद में न तो सर्वे होगा और न ही खुदाई होगी। सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले के सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी गई।
हिन्दू पक्ष के वकील ने बताया कि हमारी एप्लीकेशन खारिज कर दी गई है। न्यायालय ने हमारी एडिशनल सर्वे की एप्लीकेशन को खारिज कर दिया। इस आदेश के विरुद्ध हम उच्च न्यायालय में जाएंगे। एक हजार वर्ष से इस मंदिर पर लड़ाई चल रही है। हम इतनी जल्दी हार नहीं मानेंगे।
फैसले के खिलाफ SC जाएंगे- हिंदू पक्ष के वकील
ज्ञानवापी मामले पर हिंदू पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी ने कहा, न्यायालय ने एएसआई द्वारा पूरे ज्ञानवापी क्षेत्र की सुरक्षा के अतिरिक्त सर्वेक्षण के हमारे आवेदन को खारिज कर दिया है। हम इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे। ये अंतिम फैसला नहीं है और हमारी लड़ाई लंबी है। ये मामला जिला कोर्ट में जाएगा। हमें विश्वास है, जिला कोर्ट इसको खारिज करते हुए आदेश हमारे पक्ष में देगा।
पूरे परिसर का अभी 30 फीसदी ASI सर्वे बाकी
हिन्दू पक्ष के वकील ने कहा कि पूरा आदेश पढ़ जाएगा और फिर निर्णय लिया जाएगा। वजूखाना उच्चतम न्यायालय के आदेश से सील किया गया, डीएम को इसे संरक्षित करने का आदेश दिया गया है। हमारी तरफ से मांग की गई थी कि इस ढांचे को बिना नुकसान किए, इससे हटकर कुछ दूर पर ASI नीचे पहुंचे और उसका विस्तृत सर्वे कर रिपोर्ट न्यायालय में दें। ASI सर्वे पूरे परिसर का अभी 30 प्रतिशत बाकी है।
‘जमीन के अंदर हमारे देवी-देवता पड़े हुए हैं’
वाराणसी कोर्ट के फैसले पर हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि ये अंतिम फैसला नहीं है। अंतिम फैसला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट करेगा। हम तुरंत इस आदेश को चैलेंज करेंगे। सारे क्षेत्र के एक-एक इंच के सर्वे का हम प्रयास करेंगे। हम लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। एक हजार वर्ष से इस मंदिर पर लड़ाई चल रही है। आक्रांताओं ने इसे तोड़ा है। जमीन के अंदर हमारे देवी-देवता पड़े हुए हैं। प्रमाण हैं, ये मस्जिद से पूर्व भव्य मंदिर हुआ करता था।
मुस्लिम पक्ष के वकील की दलील
वहीं, मुस्लिम समाज का कहना है कि सर्वे हो चुका है और अब सर्वे की जरूरत नहीं है। हिंदू समाज अतिरिक्त सर्वे की मांग कर रहा है। इस मामले में मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले दो वकीलों- अंजुमन इंतजामिया कमेटी और वक्फ बोर्ड ने अपनी दलीलें पेश कीं, जिसके बाद हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई उदाहरणों की प्रतियां अदालत के सामने पेश कीं। लॉर्ड विशेश्वर बनाम अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी का ये मामला 1991 से चल रहा है।
18:43 IST, October 25th 2024