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पब्लिश्ड 20:51 IST, December 31st 2024

Mahakumbh 2025: पीएम मोदी के डिजिटल महाकुंभ के सपने को साकार कर रही योगी सरकार, एक क्लिक में मिल रही हैं सुविधाएं

Mahakumbh 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल महाकुम्भ के विजन को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुम्भ -2025 में साकार कर रहें हैं।

Reported by: Digital Desk
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Prayagraj Mahakumbh 2025
Prayagraj Mahakumbh 2025 | Image: Prayagraj Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल महाकुम्भ के विजन को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ महाकुम्भ -2025 में साकार कर रहें हैं। योगी सरकार उत्तर प्रदेश के नए 76वें जनपद "महाकुम्भ नगर" को रिकॉर्ड समय में सभी नागरिक सुविधाओं के साथ बसा रही है। महाकुम्भ 2025 में पहली बार मेला को बसाने का काम डिज़िटल तरीके से किया जा रहा है। "महाकुम्भ भूमी एवं सुविधा अवांटन" की साइट पर भूमि और सुविधाएं एक क्लिक में मिल रही है।

प्रयागराज मेला प्राधिकरण मेले में जमीन आवंटन और मूलभूत सुविधाएं के काम में विभागों की जवाबदेही के साथ पूरी पारदर्शिता बरत रही है। जिससे  ऑनलाइन आवेदन के साथ ही आवेदक अपनी जमीन और मेला में सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं  का स्टेटस ऑनलाइन कभी भी देख सकता है। कुम्भ 2019 में 5500 से अधिक संस्थाओं का सम्पूर्ण विवरण एवं उनके आवंटन का डिजिलाइजेशन किया गया है। पूरे मेले में 10 हजार से अधिक संस्थाओं को  भूमि आवंटन किया जा रहा है इसमें सरकारी, आपातकालीन, सामजिक और धार्मिक संस्थाए आदि शामिल हैं को आवंटन किया गया है। सरकार की इस पारदर्शी व्यवस्था से साधु संतों और संस्थाओं का काम बिना कतार में लगे आसानी और जल्द हो रहा है।

गूगल मैप्स पर मुख्य स्थानों को मिली जगह

महाकुम्भ सनातन के धार्मिक अनुष्ठानों का माहयज्ञ है। अमृत काल में लग रहे अमृत महोत्सव महाकुम्भ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओँ  का प्रयागराज में आने का अनुमान है। जबकी करोड़ो लोग महाकुम्भ के दौरान यहां कल्पवास  करेंगे अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि कुंभ मेला के लिए 25 सेक्टरों में फैले 4000 हेक्टेयर क्षेत्र का ले आउट जीआईएस आधारित नक्शे का उपयोग करके तैयार किया गया है।

मानसून के पहले और बाद में  विभिन्न समय में ड्रोन सर्वेक्षण कर ज़मीन की टोपोग्राफी और भू-भाग का सटीक नक्शा तैयार किया गया। सर्वेक्षणों के माध्यम से हाई -रिज़ॉल्यूशन के नक्शे, जीआईएस बेस लेयर, और 0.5 सेमी की एकुरैशी के साथ जियो-रेफरेंस कैड फ़ाइल तैयार की गई। प्रमुख सार्वजनिक उपयोगिताओं और अन्य आपातकालीन मुख्य स्थानों को श्रद्धालुओं के लिए गूगल मैप्स पर उपलब्ध कराया गया है। इसमें मुख्य रूप से आपातकालीन सेवाएं, थाने, चौकियां, कमांड और कंट्रोल सेंटर, अस्पताल पार्किंग क्षेत्र, फूड कोर्ट, वेंडिंग ज़ोन, शौचालय, पांटून ब्रिज, सड़क इत्यादि है।

​सुविधा पर्चियों का किया गया डिजिटलाइजेशन​

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पारदर्शिता बरतने और सभी को अवसर देने के लिए जो संस्थाएं कुंभ 2019 में मेला का हिस्सा रहीं  हैं । उनके भी आवेदनों को स्वीकार किया है।  इसके लिए मेला प्राधिकरण ने स्थानीय ​और राष्ट्रीय समाचार पत्रों में व्यापक प्रचार किया है, और पोर्टल पर 29 अक्टूबर 2024 से 12 नवंबर 2024 तक आवेदन प्राप्त किए। भूमि और सुविधा आवंटन के लिए कुंभ 2019 के डेटा का विश्लेषण किया गया और जमीन आवंटन के लिए तय नियमों  के अनुसार कार्य किया गया। आवेदनों के विश्लेषण, प्राधिकरण द्वारा आवंटन और स्वीकृति के बाद, डिजिटाइज्ड सुविधा पर्चियां बनाई गईं।  मेला प्राधिकरण द्वारा संस्था को दी सुविधा पर्ची को वेंडर ऑनलाइन देख सकते हैं , और संस्था को दी गई सुविधा को उनके समन्वय के साथ फ़ोटो के साथ अपडेट कर सकते हैं । डिजिटल  और ऑनलाइन  सुविधा की सबसे बड़ी पारदर्शिता ये है  कि आवेदक जब चाहे अपने ज़मीन के अवांटन संबंधित जानकारी और सुविधा का अपडेट देख सकता है, और कमियों पर अपनी आपत्ति जता सकता है। श्रद्धालुओ की सुविधा और उनके कामों  को जल्दी निपटाने के लिए मेला प्रशासन की मदद के लिए बड़ी तादात में "कुम्भ फ़ेलो"तैनात किये गए हैं ।

ढाई साल से जुटे अधिकारी

महाकुम्भ के तैयारियों की नींव लगभग ढाई साल पहले पढ़ चुकि थी। जिसको लेकर प्रसाशनिक अधिकारी लगातार जुटे रहें हैं । जिसकी ज़मीन अब पूरी तरह से तैयार हो गई है। महाकुम्भ में श्रद्धालुओ की श्रद्धा को देखते हुए सरकार महाकुम्भ को दिव्य भव्य और सुरक्षित बना रही है। महाकुम्भ 2013 की  तुलना में महाकुम्भ 2025 में क्षेत्रफल दोगुना हो गया है। वहीं  सेक्टर की संख्या 18 से  25 और जाने की संख्या 7 से बढ़कर कर 10 हो गई है। 

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अपडेटेड 20:51 IST, December 31st 2024