Published 19:07 IST, July 10th 2024
'सब बाबा का पाखंड है, कोई शक्ति नहीं...' बाबा सूरजपाल की ससुराल में ग्रामीणों ने खोल दी पोल
बाबा सूरजपाल को लेकर ग्रामीण दावा करते हैं कि ये सब बाबा का पाखंड है, उनके पास को शक्ति नहीं है। लोगों का दावा है कि नौकरी के समय वो दबाकर शराब पीते थे।
Hathras News: आध्यात्मिक उपदेशक बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में 2 जुलाई को भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई। मैनपुरी से लेकर आगरा तक के इलाकों में बाबा के समर्थक बड़ी संख्या में हैं। लोगों का दावा है कि नौकरी के समय वो दबाकर शराब पीते थे, लोगों ने खुद उन्हें शराब पीते देखा है। रिपब्लिक भारत की टीम बाबा की सच्चाई जानने उसके ससुराल पहुंची।
बाबा हरि नारायण उर्फ सूरजपाल सिंह का ससुराल एटा से 45 किलोमीटर दूर गोटिया खुर्द गांव में है। गांव के लोग दावा करते हैं कि बाबा गांव के लोगों और ऑटो टेम्पो वालों के साथ खूब शराब पीते थे। गांव के बुजर्ग दुर्गविजय सिंह ने दावा किया कि उन्होंने अपनी आंखों से बाबा को शराब पीते देखा है। रिपब्लिक भारत से बात करते हुए लोगों ने बताया कि कोई शक्ति नहीं है, सब ढोंग है। ग्रामीण सवाल करते हैं कि अगर बाबा पर शक्ति होती, तो इतने लोग कैसे मरते? लोगों के मरने के बाद बाबा खुद फरार हो गए।
'खुद को ही भगवान कहते है'
बुजर्ग दुर्गविजय सिंह कहते हैं कि ये सब बाबा का पाखंड है, उसके खिलाफ एक्शन होना चाहिए। बाबा ने कहा मेरी आर्मी व्यवस्था देखेगी, तो क्यों प्रशासन ने उसकी बात मानी। पुलिस ने खुद क्यों नहीं व्यवस्था की? दुर्गविजय सिंह बताते है कि ये बाबा भगवान राम, श्रीकृष्ण किसी को नहीं मानते, खुदको ही भगवान कहते है और पता नहीं क्या-क्या पहनकर नाटक करते रहते हैं।
ग्रामीणों ने दावा कि बाबा गांव में अपने साले मेवाराम के यहां गाड़िया भेजते थे। खेतों से फसल कटवाकर बाबा अपने आश्रम ले जाते थे। ग्रामीणों का कहना कि बाबा ने गांव में शादी की थी उसके बाद नौकरी लगी, लेकिन हमने कोई शक्ति नहीं देखी।
SIT ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा?
हाथरस कांड पर SIT ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। SIT ने अपनी रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन के स्तर पर भी लापरवाही होने की बात कही है। जिसके कारण 2 जुलाई को यह घटना हुई। रिपोर्ट में भगदड़ के लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराते हुए दावा किया गया है कि उन्होंने भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए।
SIT की रिपोर्ट कहती है कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया और वे वरिष्ठ अधिकारियों को उचित सूचना देने में विफल रहे। SIT रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी समेत 6 लोगों को लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए निलंबित किया है। SIT ने भगदड़ के लिए मुख्य रूप से कार्यक्रम आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया है और आयोजकों में स्वयंभू बाबा का नाम नहीं है।
Updated 19:08 IST, July 10th 2024