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Published 23:53 IST, December 17th 2024

मंदिरों के ताले टुटे, कुओं की हो रही खुदाई, अभी बहुत कुछ मिलना बाकी; संभल बनाएगा 27 का 'राजा'?

UP News: संभल पर सियासत थमती नजर नहीं आ रही। प्रशासन के एक्टिव होने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या यूपी में 2027 के विधानसभा चुनाव में संभल मुख्य भूमिका निभाएगा?

Reported by: Digital Desk
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up politics over sambhal temple
संभल बनाएगा 27 का 'राजा'? | Image: Republic

UP Politics: संभल में एक के बाद एक सालों पुराने खंडहर हो चुके सनातन के प्रतिकों को खोजा जा रहा है। मंदिरों के मिलने का सिलसिला जारी है, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। अब संभल उत्तर प्रदेश की सियासत का नया केंद्र बन चुका है। यहां सालों पुराने मंदिरों के ताले टुट रहे है, कुंए खोदे जा रहे है, जमीन से पुरानी मुर्तियां मिल रही है और जमकर बयानबाजी हो रही है। संभल से प्रदेश की सत्ता का रास्ता तलाशने के लिए हर पार्टी ने जोर लगाना शुरू कर दिया है।  

संभल में मिले प्राचीन शिव मंदिर की जांच के लिए बुधवार को ASI की टीम पहुंचेगी। संभल जिलाधिकारी ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग के लिए ASI को पत्र लिखा था। जिसके लिए ASI के चार अधिकारी मौजूद रहेंगे। संभल में अभी बहुत कुछ मिलना बाकी है, क्योंकि सीएम योगी ने सच की खुदाई शुरू करके आंखों पर पड़ा सालों पुराना पर्दा हटाने की ठान ली है। 2027 में सत्ता के लिए बीजेपी, सपा और कांग्रेस ने अपना-अपना मैसेज देना शुरू कर दिया है। संभल में प्रशासन के एक्टिव होने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या सीएम योगी संभल को दूसरी अयोध्या, मथुरा, काशी बनाने के संकेत दे रहे हैं?

1978 की हिंसा में 184 हिंदुओं की हत्या

सीएम योगी सोमवार को विधानसभा में संभल हिंसा को लेकर जमकर गरजे थे। उन्होंने बताया था कि '1947 से लेकर अब तक संभल में 209 हिन्दुओं की निर्मम हत्या हुई है। एक भी बार किसी सरकार ने उन निर्दोष हिंदुओं के लिए दो शब्द भी नहीं कहे होंगे। उनके परिवारों के लिए किसी ने एक शब्द भी नहीं कहे। आज ये लोग घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।' सीएम योगी ने बताया कि 1978 की संभल हिंसा में 184 हिन्दुओं को सामूहिक रूप से जिंदा जलाया था।

संभल में तेजी से घटी हिंदू आबादी

संभल अब यूपी की सियासत का नया केंद्र बन चुका है। 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा हाल के चुनावों में खुब चला और बीजेपी संभल से यूपी की बिसात इसी फार्मुले के तहत बिछाती नजर आ रही है। सपा और कांग्रेस दोनों संभल कूच कर यूपी में छिटकते वोट बैंक को बटोरने की कोशिश कर रही है, लेकिन सीएम योगी ना सिर्फ संभल में मंदिर खोज रहे हैं। बल्कि पुराने दंगों की फाइल भी खोल रहे हैं। इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि 1947 के बाद से संभल में हिंदुओं की आबादी तेजी से कम हुई है और मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ी है।

  • 1947 में 55% मुस्लिम, 45% हिंदू
  • अभी मुस्लिम 85% और हिंदू 15%
  • दंगों में कुल 209 हिंदुओं की मौत हुई

शिवपाल यादव का चैलेंज

इसी बदलती डेमोग्राफी और दंगाइयों के आतंक के खिलाफ सीएम योगी आक्रामक हैं, तो सपा 2027 में आने का दावा कर अपने वोट बैंक को शांति बरतने का मैसेज दे रही है। सपा नेता शिवपाल सिंह यादव तो बीजेपी को विधानसभा में खुला चैलेंज दे रहे हैं कि 2027 के चुनाव में यूपी के अंदर सपा की सरकार बनेगी।

2027 में किसकी सरकार बनेगी वो तो समय बतागा, लेकिन अभी तो अखिलेश यादव की संभल ब्रिगेड टेंशन में है। क्योंकि हिंसा भड़काने के आरोपी सपा सांसद के घर पुलिस पहुंची, तो लगा गिरफ्तारी की तैयारी तो नहीं है। हालांकि मामला बिजली चोरी का था। संभल में बिजली चोरी के ही 3 दिन में 1200 से ज्यादा केस दर्ज किए हैं। सांसद और विधायक का बेटा रडार पर है, तो उधर सनातन के सबूत निकलते जा रहे हैं और सीएम योगी खुलकर संभल का मुद्दा उठा रहे हैं। यानि 27 की सत्ता का रास्ता संभल होकर गुजरना तय होता दिख रहा है।

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Updated 23:53 IST, December 17th 2024