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Published 22:51 IST, December 17th 2024

UP विधानसभा में जिस कुंदरकी सीट को लेकर हुआ बवाल, वहां रामवीर सिंह ने 31 साल बाद कैसे खिलाया 'कमल'?

बीजेपी की यह ऐतिहासिक जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यहां मुसलमानों की बड़ी आबादी है। इतने बड़े अंतर से जीत दर्ज करना सपा के लिए बड़ा झटका है।

Reported by: Ravindra Singh
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कुंदरकी विधानसभा सीट पर 31 सालों बाद खिला कमल | Image: Facebook

उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीत कालीन सत्र की शुरुआत सोमवार (16 दिसंबर) से हो गई है। सदन का पहला दिन ही काफी धमाकेदार रहा। इस दिन विपक्ष ने जहां सूबे की योगी सरकार पर संभल हिंसा और कुंदरकी विधानसभा में बीजेपी के रामवीर सिंह की जीत को लेकर सवाल खड़े तो वहीं सीएम योगी और राजा भैया ने इन मुद्दों पर विपक्ष पर जोरदार जवाब दिए। सदन में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने मुरादाबाद जिले की कुंदरकी विधानसभा सीट पर हुई बीजेपी की जीत को लेकर सवाल खड़े किए। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने सत्ताधारी पार्टी पर कुंदरकी में वोट की लूट के आरोप लगाए। सदन में कुंदरकी को लेकर हंगामा शुरू हो गया था।


विधानसभा सत्र के पहले ही दिन विपक्ष ने जहां संभल हिंसा मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की लेकिन सीएम योगी ने संभल के इतिहास, वहां हुए दंगों और दंगों में मारे गए हिन्दुओं का जिक्र विपक्ष की बोलती बंद कर दी। ही हुआ था कि तभी प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया खड़े हुए और नेता प्रतिपक्ष सहित पूरे विपक्षी विधायकों को कुंदरकी सीट पर हिन्दू उम्मीदवार के जीतने को लेकर जोरदार जवाब दिया। वहीं इसके बाद सीएम योगी ने भी कुंदरकी मामले पर विपक्ष को बुरी तरह से लताड़ा। राजा भैया ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाए हैं कि वोट लूट करके बीजेपी उम्मीदवार रामवीर विधायक बन गए हैं। उनका कहना था कि कुंदरकी में जब 65 फीसदी मुसलमान हैं और 35 फीसदी हिन्दू हैं तो रामवीर सिंह जी वहां से कैसे चुनाव जीत सकते हैं? आइए आपको बताते हैं कि कैसे 31 सालों के बाद रामवीर सिंह ने कुंदरकी में कमल खिला दिया।


'टोपी' लगाकर रामवीर सिंह ने सपा के गढ़ में लगा दी सेंध

उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने बाजी मारते हुए 9 में से 7 सीट पर कमल खिला दिया था। बीजेपी की इस कामयाबी के पीछे सूबे के मुख्यमंत्री और फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ का अहम रोल माना जा रहा है। जीती गई 7 सीटों पर जीत में सबसे ज्यादा चर्चा मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट की हो रही है। इस सीट पर जीत का सेहरा ठाकुर रामवीर सिंह के सर पर सजा है, जिन्होंने इस बार चुनाव प्रचार में सिर पर मुस्लिम टोपी पहन घर-घर जाकर अपनी जीत के लिए वोट मांगे थे। बीजेपी की यह ऐतिहासिक जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यहां मुसलमानों की बड़ी आबादी है। ऐसी सीट पर भी बीजेपी का इतने बड़े अंतर से जीत दर्ज करना सपा के लिए बड़ा झटका है।


विकास नहीं होने की वजह से जनता किया बदलाव

मुरादाबाद जिले की कुंदरकी विधानसभा पर हुए उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार ठाकुर रामवीर सिंह ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद रिजवान को लगभग डेढ़ लाख वोटों से करारी शिकस्त दी है। पहले चरण की वोटो की गिनती में आगे निकले रामवीर सिंह लगातार जीत दर्ज होने तक ये बढ़ बनाए रखी थी। सपा उम्मीदवार को महज 25580 वोट मिले और उनकी जमानत भी जब्त हो गई। इस सीट को सपा का गढ़ कहा जाता था। इस सीट पर बीजेपी बीते 31 सालों से जीत नहीं दर्ज कर पाई थी।  कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में 65% मुस्लिम मतदाता हैं और अन्य मतदाता 35% हैं। इस बार मुस्लिम मतदाताओं ने बदलाव का मन बनाया और बीजेपी को विजय दिलाई। मुस्लिम वोटर्स की मानें तो उनके यहां बीते 31 सालों से विकास नहीं हुआ था जिसकी वजह से इस बार इन लोगों ने डबल इंजन की सरकार को चुनना पसंद किया। अब देखना ये है कि रामवीर सिंह यहां की जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं। 

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Updated 22:51 IST, December 17th 2024