Published 23:09 IST, December 10th 2024
जो लोग जोखिम के लिए तैयार नहीं होते, वे पीछे रह जाते हैं: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने बदलते समय के साथ तालमेल बिठाने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो लोग जोखिम के लिए तैयार नहीं होते, वे पीछे रह जाते हैं।
UP: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बदलते समय के साथ तालमेल बिठाने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो लोग जोखिम के लिए तैयार नहीं होते, वे पीछे रह जाते हैं।
आदित्यनाथ ने यहां महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 92वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा, ''समय का चक्र बिना किसी की प्रतीक्षा किए निरंतर चलता रहता है। जो लोग जोखिम के लिए तैयार नहीं होते और खुद को ढाल नहीं पाते, वे पीछे रह जाते हैं।''
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित समाजसेवी कैलाश सत्यार्थी का स्वागत करते हुए आदित्यनाथ ने समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए पहल करने में एकता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ''जब हमारे प्रयास सामूहिकता और टीम भावना से प्रेरित होते हैं तो परिणाम स्वाभाविक रूप से समर्पण और तैयारी को दर्शाते हैं। यही सफलता का सही मापदंड होता है।''
मुख्यमंत्री ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिमागी बुखार के उन्मूलन को सामूहिक प्रयास और अनुसंधान की शक्ति का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में 40 साल से अधिक समय तक दिमागी बुखार का कहर रहा, जिससे 38 जिलों में हजारों बच्चों की मौत हो गयी। आदित्यनाथ ने कहा कि शुरुआती वर्षों में इस क्षेत्र में उचित उपचार सुविधाएं मौजूद नहीं थीं और टीके उपलब्ध होने के बावजूद वायरस ने खुद को ढाल लिया, जिससे संकट और भी विकट हो गया। उन्होंने कहा कि हालांकि 2017 में उनकी सरकार बनने के बाद राज्य और केंद्र सरकारों, यूनिसेफ, स्वास्थ्य संगठनों और विभिन्न सरकारी टीमों के सहयोग से एक मजबूत कार्य योजना बनाई गई।
आदित्यनाथ ने कहा, ''एक कठिन चुनौती का सामना करने से लेकर परिणाम प्राप्त करने तक की यात्रा टीम वर्क और सामूहिक दृढ़ संकल्प की शक्ति का उदाहरण है।''
उन्होंने युवाओं से मोबाइल फोन का उपयोग कम करने और अपनी ऊर्जा कड़ी मेहनत, पढ़ाई, कौशल विकास और प्रकृति से जुड़ने पर केंद्रित करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने साथ ही चेतावनी देते हुए कहा, ''हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम प्रौद्योगिकी को नियंत्रित करें और प्रौद्योगिकी को हमें नियंत्रित न करने दें।''
उन्होंने युवाओं को नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के जीवन से प्रेरणा लेने और अपनी रुचियों से जुड़ने तथा व्यक्तिगत प्राथमिकताओं से परे नए अवसरों की खोज करने के लिए प्रोत्साहित किया।
Updated 23:09 IST, December 10th 2024