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Published 17:53 IST, December 24th 2024

संभल के चंदौसी में चौथे दिन भी बावड़ी की खुदाई जारी, सुरक्षा में अब PAC के कर्मी भी होंगे तैनात

उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी में खुदाई के दौरान मिली लगभग 150 साल पुरानी बावड़ी की चौथे दिन भी खुदाई जारी है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

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Ancient 150-Year-Old Stepwell Uncovered in Sambhal During Excavation
चंदौसी में चौथे दिन भी बावड़ी की खुदाई जारी | Image: Screengrab

उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी में खुदाई के दौरान मिली लगभग 150 साल पुरानी बावड़ी की चौथे दिन भी खुदाई जारी है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खुदाई वाली जगह भीड़ इकट्ठा होने के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था में अब प्रादेशिक आर्म्‍ड कांस्टेबुलरी (पीएसी) के जवानों की तैनाती होगी। संभल में 13 दिसंबर को लगभग 46 साल से बंद भस्म शंकर मंदिर के फिर से खुलने के बाद यह खुदाई की जा रही है। संभल में चंदौसी के लक्ष्मण गंज इलाके में 21 दिसंबर को खुदाई के दौरान लगभग 150 साल पुरानी और 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली बावड़ी मिली है।

चंदौसी नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी (ईओ) कृष्ण कुमार सोनकर ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि बावड़ी की खुदाई को चौथा दिन है। उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक मिट्टी ऊपर थी तो जेसीबी और ट्रैक्टर लगाकर मिट्टी हटाई गई। अब नीचे बावड़ी का निर्माण दिखने लगा तो श्रमिकों को लगाकर फावड़े से मलबा और मिट्टी हटाई जा रही है।’’ सोनकर ने कहा कि परत दर परत क्या निकलेगा, अभी कहना मुश्किल है, वैसे अभी तक बावड़ी में कमरे ओर सीढ़ियां मिली हैं। खुदाई में आने वाली चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लगभग 50 लोग काम कर रहे हैं, लेकिन भीड़ होने से दिक्कत हो रही है और काम करना मुश्किल हो रहा है।

संभल में अब PAC के कर्मी की तैनाती

उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा व्यवस्था में अब पीएसी की तैनाती होगी। अंदर रोशनी की भी समस्या है उसका भी इंतजाम किया जा रहा है। अंदर ऑक्सीजन की कमी भी है, इसके लिए मेडिकल टीम की भी व्यवस्था की जा रही है।’’ संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने रविवार को कहा था कि इस स्थल पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वेक्षण कराने की संभावना पर विचार किया जा रहा है, और यदि आवश्यक हुआ तो इस संबंध में एएसआई से अनुरोध किया जा सकता है।

पेंसिया ने पत्रकारों को बताया था कि यह स्थल पहले तालाब के रूप में पंजीकृत था। बावड़ी की ऊपरी मंजिल ईंटों से बनी है, जबकि दूसरी और तीसरी मंजिल संगमरमर की है। उन्होंने कहा कि संरचना में चार कमरे और एक बावड़ी भी है। उन्होंने कहा था, ‘‘खुदाई जारी रहेगी, और क्षेत्र में अतिक्रमण को हटाया जाएगा। प्रारंभिक अनुमानों से पता चलता है कि बावड़ी लगभग 125 से 150 साल पुरानी है।’’

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Updated 17:53 IST, December 24th 2024