पब्लिश्ड 17:52 IST, September 4th 2024
हिंदू बन प्रेम जाल में फंसाया, शादी के बाद निकला सोहेल खान; पीड़ित ने लगाया लव जिहाद का आरोप
UP News: पीड़ित ने थाने में शिकायत देकर न्याय की मांग की है। चंडीगढ़ के एक कॉल सेंटर में आरोपी सोहेल खान के साथ उसकी मुलाकत हुई थी।
UP News: कई राज्यों में कानून बनाने और तमाम सख्तियों के बाद भी लव जिहाद के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून बनने के बावजूद भी नए मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। ताजा मामला बदायूं से सामने आया है, जहां सोहेल खान ने हिंदू बनकर पहले युवती को प्रेम जाल में फंसाया और फिर शारीरिक संबंध बनाए।
पीड़ित ने थाने में शिकायत देकर न्याय की मांग की है। पीड़ित युवती चंडीगढ़ की रहने वाली है, चंडीगढ़ के एक कॉल सेंटर में आरोपी के साथ उसकी मुलाकत हुई थी। आरोप है कि सोहेल खान ने अपना नाम बदलकर उससे दोस्ती की और बाद में शारीरिक संबंध बनाए। जब पीड़ित ने एक लड़की को जन्म दिया, तो आरोपी यह कहकर चंडीगढ़ से बदायूं ले आया कि गांव जाकर उससे शादी करेगा।
धर्म परिवर्तन का बनाया दबाव
प्यार में पागल पीड़ित युवती आरोपी के कहने पर चंडीगढ़ से बदायूं चली आई। बदायूं आकर उसे पता चला कि जिसके साथ उसने दिल लगाया, वो हिंदू नहीं मुस्लिम है और उसका असली नाम सोहेल खान है। आरोप है कि जब पीड़ित ने आपत्ति जताई तो उसके परिजनों ने घर में बंद कर दिया और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने लगे। उसकी बेटी को भी उससे छीन लिया और मारपीट कर घर से निकाल दिया। एसपी ग्रामीण के.के सरोज ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू करदी है।
यूपी में लव जिहाद पर ताउम्र जेल
उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम, 2024 (लव जिहाद) बिल पास हुआ है। यूपी में पहचान छिपाकर लड़कियों को अपने प्यार में फंसाने वालों को उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। इस संशोधित अधिनियम में छल-कपट या जबरदस्ती से कराए गए धर्मांतरण के मामलों में कानून को पहले से सख्त बनाते हुए। आजीवन कारावास या 5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है। किसी महिला को धोखे से जाल में फंसाकर उसका धर्मांतरण करने, उससे अवैध तरीके से शादी करने और उसका उत्पीड़न करने के दोषियों को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है। पहले इसमें अधिकतम 10 साल की कैद का प्रावधान था।
अपडेटेड 17:52 IST, September 4th 2024