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Published 08:45 IST, December 6th 2024

संभल में जुमे की नमाज को लेकर प्रशासन अलर्ट, फोर्स के साथ फ्लैग मार्च, ड्रोन से भी होगी निगरानी

संभल में हिंसा के बाद दूसरे जुमे की नमाज को देखते हुए प्रशासन की तरफ से विशेष सुरक्षा-व्यवस्था की गई है। यहां अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।

Reported by: Rupam Kumari
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sambhal Violence Police Flag March | Image: PTI

उत्तर प्रदेश के संभल में आज, शुक्रवार को जुमे की नमाज के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है। हिंसा के बाद 6 दिसंबर को दूसरे जुमे की नमाज होगी। सभी संवेदनशील स्थानों पर पुलिस बलों को तैनात करने का निर्देश दिया गया है। लोगों से भी शांति बनाए रखने की अपील की गई है। ड्रोन के माध्यम से भी निगरानी रखी जाएगी।

संभल में शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद से ही प्रशासन अलर्ट मोड पर है। इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। आज हिंसा के बाद दूसरे जुमे की नमाज को देखते हुए प्रशासन की तरफ से विशेष सुरक्षा-व्यवस्था की गई है। साथ ही मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लोगों से अपने इलाके के मस्जिद में नमाज पढ़ने की अपील की है। DIG रेंज और एसपी ने फोर्स के साथ देर रात फ्लैग मार्च किया है।

DIG ने किया फोर्स के साथ फ्लैग मार्च

मुरादाबाद रेंज के DIG मुनिराज जी ने कहा, "हमने RAF, RRF, संभल के जिलाधिकारी के साथ मिलकर फ्लैग मार्च किया है। पूरे जिले में शांति है, कोई दिक्कत नहीं है। हमने एहतियादी तौर पर यहां RAF, RRF, PAC की कई कंपनियों को तैनात किया है। हम ड्रोन के माध्यम से भी निगरानी करेंगे…"

जुमे के नवाज को लेकर तीन लेयर की सुरक्षा

जुमे के नवाज शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो, इसके लिए संभल के सभी मस्जिदों के प्रमुखों से भी बात की गई है। तीन लेयर की सुरक्षा के प्रबंध किए जाने का निर्देश दिया गया है। जिले में सैक्टर स्कीम लगू है। वहीं, संभल में पिछले महीने शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में फॉरेंसिक टीम ने गुरुवार को घटनास्थल से अमेरिका में निर्मित दो खाली कारतूसों समेत चार कारतूस बरामद किए हैं। इसके बाद प्रशासन और अलर्ट हो गई है।

संभल में क्या हुआ था?

बता दें कि संभल में 19 नवंबर को अदालत के आदेश पर शाही जामा मस्जिद का पहला सर्वेक्षण किये जाने के बाद से तनावपूर्ण स्थिति है। सर्वे का आदेश जिस याचिका पर दिया गया था उसमें दावा किया गया है कि जिस जगह जमा मस्जिद स्थित है वहां पहले कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था। इसके बाद 24 नवंबर को मस्जिद का दोबारा सर्वेक्षण किये जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। 

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Updated 09:41 IST, December 6th 2024