Published 19:48 IST, December 25th 2024
Sambhal Bawadi: पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी है पूरी रहस्यमयी दुनिया, खुदाई में मिले कई अहम सबूत, कौन मिटा रहा सनातनी पहचान?
Sambhal Bawdi : संभल के जिलाधिकारी ने रिपब्लिक भारत से बातचीत करते हुए बताया कि पृथ्वीराज चौहान की 11वीं सदी की प्राचीन बावड़ी का सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
जतिन शर्मा की रिपोर्ट
Sambhal Bawdi News Update : संभल के जिलाधिकारी ने रिपब्लिक भारत से बातचीत करते हुए बताया कि पृथ्वीराज चौहान की 11वीं सदी की प्राचीन बावड़ी का सौंदर्यीकरण किया जाएगा, ताकि इसे इसके ऐतिहासिक नाम से पहचाना जा सके। उन्होंने कहा कि इस बावड़ी को पहले कुएं के नाम से प्रचारित किया जा रहा था, लेकिन अब इसे सही इतिहास के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा, DM ने फिरोजपुर किले के अतिक्रमण को लेकर भी जानकारी दी और कहा कि ASI को इसकी शिकायत मिली थी, अब अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि संभल का ऐतिहासिक महत्व को दबाने की कोशिश की गई थी, लेकिन अब प्रशासन इस शहर के सभी तीर्थ स्थलों को पुनर्जीवित कर रहा है।
डीएम संभल ने फिरोजपुर किले के बारे में बताया की 5 साल पहले ASI को अतिक्रमण के मामले में शिकायत मिली थी लेकिन ASI के अधिकारियों ने संभल प्रशासन को इस बारे में जानकारी नहीं दी आज जब हमें जानकारी मिली है तो फिरोजपुर किले में हुए अतिक्रमण को हम हटाएंगे इसकी पैमाइश करवाएंगे ताकि ASI मॉन्यूमेंट को अतिक्रमण मुक्त कराया जा सके।
DM की रिपब्लिक भारत से खास बातचीत
डीएम ने रिपब्लिक भारत से बात करते हुए बोला कि संभल पहले से ही एक तीर्थ नगरी रही है लेकिन इसके इतिहास को दबाने की कोशिश की गई इससे इनकार नहीं किया जा सकता अब प्रशासन उन सभी तीर्थ को पुनर्जीवित कर रहा है, ताकि संभल का इतिहास आम जनता और पूरे देश के बीच पहुंचा जा सके।'
जमींदोज हो चुकी बावड़ी की खुदाई
शहर के मोहल्ला लक्ष्मणगंज मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में जमींदोज हो चुकी बावड़ी की खुदाई तीसरे दिन भी जारी रही। बुलडोजर के साथ ही पालिका के 2 दर्जन कर्मचारियों ने जो खुदाई की उसमें बावड़ी की सीढ़ियां नजर आने लगी है। इसका आधे से ज्यादा हिस्सा अवैध रूप से कब्जा कर पक्का निर्माण करा लिया गया है, जिसे प्रशासन हटाने का मन बना रहा है। इसमें कुछ इमारतों के तोड़े जाने की आशंका ने कब्जेदारों के होश उड़ा दिए हैं। कुछ लोग बावड़ी अपनी जमीन पर होने का दावा भी कर रहे हैं।
बावड़ी को पुनर्जीवित करने की मांग
पहले SDM को पत्र देकर हिंदू नेता कौशल किशोर वंदेमातरम ने लक्ष्मणगंज में मंदिर को विलुप्त कर जमीन पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा किए जाने का आरोप लगाते हुए इसको पुनर्जीवित करने की मांग की थी। इसके बाद शनिवार को चंदौसी तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में भी मंदिर और लक्ष्मण गंज में ही बावड़ी होने का दावा करते हुए उसे अस्तित्व में लाकर सुंदरीकरण कराने का प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी को दिया गया था। इस पर डीएम डाॅ. राजेंद्र पैंसिया ने अपर जिलाधिकारी न्यायिक सतीश कुमार कुशवाहा और तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह को मौके पर जाकर कार्रवाई करने के आदेश दिए।
बावड़ी में नीचे उतरने वाली सीढ़ियां नजर आईं
शनिवार की शाम से ही बुलडोजरों से खुदाई कर बावड़ी की तलाश शुरू कर दी गई थी। सोमवार को तीसरे दिन भी खुदाई का काम चलता रहा। इसमें पालिका के दो दर्जन कर्मचारी और दो बुलडोजर लगे हैं। इसके चलते बावड़ी में नीचे उतरने के लिए बनाई गईं सीढ़ियां नजर आने लगीं हैं। नक्शे के अनुसार, बावड़ी 400 वर्ग मीटर जगह में बनी हुई थी, जबकि मौके पर सिर्फ 210 वर्ग मीटर ही जमीन नजर आ रही है। ऐसे में बाकी की जमीन पर आसपास के लोगों ने पक्का निर्माण कर अवैध कब्जा कर लिया है। जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया के अनुसार, बावड़ी की भूमि पर किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
बावड़ी में तीन मंजिल में घुमावदार कमरे…
बता दें कि बावड़ी में सबसे नीचे कुआं और उसपर तीन मंजिल में घुमावदार कमरे बनाए गए थे। इनमें दो मंजिल जमीन के अंदर मार्वल और एक मंजिल जमीन के ऊपर ईंटों से बनवाई गई थी। ऊपरी मंजिल को लोगों ने ध्वस्त कर दिया और बाकी बचे हिस्से को मिट्टी के नीचे दबा दिया गया। इधर, बावड़ी की जमीन को लेकर लोगों ने दावेदारी शुरू कर दी है। इसमें खुद को पूर्व महारानी सुरेंद्रबाला की पोती का दावा करने वाली शिपरा गेरा बावड़ी को अपनी सम्पत्ति बता रही हैं। अब बावड़ी का असली दावेदार कौन है कौन नहीं वो बहस तो जारी है लेकिन सबसे पहले बावड़ी को पूनर्जीवित करने की कवायत शुरू कर दी गई है।
Updated 20:49 IST, December 25th 2024