Published 16:24 IST, December 17th 2024
'रामवीर सिंह से हमारा परिचय नहीं लेकिन कोई लुटेरा...', कुंदरकी BJP विधायक के समर्थन में आए राजा भैया
राजा भैया ने कहा, 'क्या कुंदरकी में 65% आबादी वाले हिस्से में जहां हिन्दू वोटरों की संख्या महज 35 फीसदी है वहां से कोई हिन्दू उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सकता है?'
उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार (16 दिसंबर) को जब संभल हिंसा को लेकर विपक्ष सदन में हंगामें पर उतारू था तभी प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने संभल हिंसा पर जवाब देने के अलावा कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी की जीत को लेकर बड़ी बात कही। दरअसल कुंदरकी विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार रामवीर सिंह के जीतकर विधानसभा पहुंचने के बाद विपक्ष ने लगातार बीजेपी पर वोट लूटने के आरोप लगाए। जब विपक्ष इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रहा था तभी राजा भैया अपनी सीट से उठे और रामवीर सिंह के समर्थन में खड़े होकर विपक्ष पर सवालों की झड़ी लगा दी जिसका उनके पास कोई जवाब न था।
राजा भैया ने कुंदरकी मुद्दे पर बोलने के लिए स्पीकर से इजाजत ली और कहा, 'आज सदन का पहला दिन था मैंने भी आते ही यही कहा था कि इस सदन में आए नए सदस्यों से आज सबका परिचय हो जाए। मैं रामवीर जी को नहीं जानता हूं लेकिन अब वो इस सदन के निर्वाचित और सम्मानित सदस्य हैं उनको इस तरह से लुटेरा कहना तो आपत्तिजनक है।' वहीं राजा भैया ने आगे कहा कि जिन माननीय नवाब साहब ने सदन में इस बात का दावा किया है कि कुंदरकी विधानसभा में वोटों की लूट हुई है मैं उनसे ये पूछना चाहूंगा कि क्या कुंदरकी में 65 फीसदी आबादी वाले हिस्से में जहां हिन्दू वोटरों की संख्या महज 35 फीसदी है वहां से कोई हिन्दू उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सकता है? अगर ऐसा है तो फिर हिन्दू बाहुल्य क्षेत्रों से कोई मुसलमान उम्मीदवार जीतकर कैसे सदन पहुंचता है? क्या वहां भी वोटों की लूट होती है? आपके तर्क से तो ऐसा ही लगता है। आपके हिसाब से तो यही लग रहा है कि दुनिया का सबसे बड़ा आश्चर्य यही है कि कुंदरकी विधानसभा से हिन्दू उम्मीदवार जीतकर कैसे आ गया
निर्वाचिक उम्मीदवार को वोट लुटेरा कहना सदन का अपमान- राजा भैया
राजा भैया ने स्पीकर से अपील की, 'नवाब साहब और विपक्षी विधायकों के उन बयानों को सदन की कार्यवाही से हटाया जाए क्योंकि ये सदन की गरिमा का अपमान है। एक जीते हुए विधायक का सदन में अपमान है।' राजा भैया ने आगे कहा, 'अगर कुंदरकी में हिन्दू उम्मीदवार की जीत वोटों की लूट है तो क्या हमें ये क्राइटेरिया मान लेनी चाहिए कि जहां हिन्दू अधिक हैं वहां से हिन्दू विधायक ही जीतकर आने चाहिए मुस्लिम विधायक वहीं से जीतकर आने चाहिए जहां मुस्लिम की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है। अगर ऐसा नहीं होता है तो मान लिया जाए कि वहां भी वोटों की लूट हो रही है। इन शब्दों को विधानसभा की कार्रवाई से हटाया जाना चाहिए ये सदन के विधायक का अपमान है।'
संभल मुद्दे पर योगी सरकार के समर्थन में आए राजा भैया
राजा भैया ने आगे कहा, 'हम ये भी पूछना चाहेंगे कि क्या न्यायालय के आदेश के बाद पत्थरबाजी करने से न्यायालय का आदेश बदल जाता है? अगर न्यायालय ने किसी सर्वे का आदेश दिया है तो उसे रोकने के लिए क्या करना चाहिए? उससे बड़ी अदालत में जाना चाहिए न सड़क पर खड़े होकर पुलिस प्रशासन पर पत्थरबाजी की जाए। आज तक कभी प्रशासन का निर्णय न्यायालय के निर्णय से बदला हो तो बताएं। दूसरा श्रीमान पुलिस और प्रशासन के जो लोग घायल हुए हैं उनके प्रति किसी ने कोई पीड़ा या कोई चिंता नहीं व्यक्त की किसी ने भी कोई चर्चा नहीं की।' जब राजा भैया सदन में विपक्षी विधायकों की बखिया उधेड़ रहे थे तब सीएम योगी बैठे-बैठे मुस्कुरा रहे थे। राजा भैया ने संभल हिंसा मामले की बहराइच हिंसा से तुलना करते हुए कहा कि 'ये ठीक उसी तरह का मामला है जैसे बहराइच में एक 22 वर्ष का नौजवान 4 महीने पहले जिसकी शादी हुई थी, हत्या कर दी गई वो भी इतनी निर्मम हत्या की इतनी गोलियां मारी गईं कि पूरा शरीर छलनी हो गया। अपराध क्या था कि उसने अपने धर्म का झंडा मंदिर पर लहरा दिया था।'
Updated 18:59 IST, December 17th 2024