Published 15:27 IST, November 11th 2024
UP: प्रयागराज में लोक सेवा आयोग के गेट पर आंदोलनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज! भारी पुलिस बल तैनात
अखिलेश यादव ने अपनी सोशल मीडिया पर लिखा, 'लोक सेवा आयोग में धांधली को रोकने के लिए अभ्यर्थियों ने मांग बुलंद की तो भ्रष्ट भाजपा सरकार हिंसक हो उठी।'
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) प्री, समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ एआरओ) की परीक्षा अलग-अलग तिथियों पर कराने के निर्णय के विरोध में प्रतियोगी छात्र सोमवार (11 नवंबर) को यहां आयोग के गेट पर धरना प्रदर्शन करने पहुंचे थे, लेकिन पुलिस कर्मियों ने उन्हें गेट से हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग करते हुए वहां से खदेड़ दिया। इस पर समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए 'एक्स' पर एक पोस्ट में भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) को युवा विरोधी करार देते हुए विद्यार्थियों पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगाया और इसकी निंदा की।
अखिलेश यादव ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट पर इस बात का दावा किया, 'लोक सेवा आयोग में धांधली को रोकने के लिए अभ्यर्थियों ने मांग बुलंद की तो भ्रष्ट भाजपा सरकार हिंसक हो उठी। हम फिर दोहराते हैं: नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं।' उप्र लोक सेवा आयोग के आसपास भारी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने छात्रों को गेट नंबर दो की तरफ आने से रोका, लेकिन छात्र-छात्राओं की भीड़ धक्का मुक्की करते हुए गेट के पास पहुंची और नारेबाजी शुरू की। पुलिस ने छात्रों को तितर बितर करने के लिए उन्हें खदेड़ा, लेकिन आंदोलनरत छात्र फिर से वहां एकत्रित हो गए।
अब हर हाथ में तिरंगा लहराएगा!
भाजपा का ज़ुल्म सहा न जाएगा!
युवा विरोधी भाजपा का छात्राओं और छात्रों पर लाठीचार्ज बेहद निंदनीय कृत्य है। हम युवाओं के साथ हैं!
इलाहाबाद में UPPSC में धांधली को रोकने के लिए अभ्यर्थियों ने जब अपनी माँग बुलंद की तो भ्रष्ट भाजपा सरकार हिंसक हो उठी।…— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 11, 2024
छात्र एक ही पाली में चाहते हैं परीक्षा
पुलिस उपायुक्त (नगर) अभिषेक भारती ने कहा, 'प्रतियोगी छात्रों को लोकतांत्रिक ढंग से, तय धरना स्थल गिरिजाघर सिविल लाइंस पर जाकर विरोध प्रदर्शन करने का अनुरोध किया गया है। काफी छात्र वहां चले भी गए हैं, लेकिन कुछ छात्र अभी आयोग के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।' प्रतियोगी छात्र अंकित पटेल ने कहा कि छात्र पूर्व की तरह एक ही पाली में परीक्षा चाहते हैं जिसके लिए यह विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
आयोग ने नहीं दिया था 2 दिन परीक्षा करवाने का नोटिफिकेशन
प्रतियोगी छात्रा मनोरमा सिंह ने कहा कि आयोग द्वारा दो दिन में परीक्षा कराना नियम के खिलाफ है। उनके मुताबिक, नोटिफिकेशन में आयोग ने इस बात का जिक्र नहीं किया था कि परीक्षा दो दिनों में कराई जाएगी तथा छात्र चाहते हैं कि एक ही दिन में परीक्षा संपन्न कराई जाए। आयोग ने पिछले मंगलवार को इन परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा की। जहां पीसीएस प्री की परीक्षा के लिए सात और आठ दिसंबर की तिथि घोषित की गई है, वहीं समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ..एआरओ) प्री की परीक्षा के लिए 22 और 23 दिसंबर की तिथि घोषित की गई है।
(इनपुट - भाषा)
Updated 17:48 IST, November 11th 2024