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Published 20:00 IST, October 6th 2024

डासना मंदिर पर प्रदर्शन करने वाले '10-20' लोगों को पुलिस को गोली मार देनी चाहिए थी: नंद किशोर गुर्जर

डासना देवी मंदिर पहुंचे नंद किशोर गुर्जर ने शुक्रवार रात मंदिर पर पथराव होने का आरोप लगाते हुए ने कहा जो मंदिर पर हमला हुआ है वह सनातन धर्म पर हमला है।

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Nand Kishore Gurjar
Nand Kishore Gurjar | Image: PTI

UP NEWS: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले की लोनी सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक नंद किशोर गुर्जर ने डासना पीठ के महंत यति नरसिंहानंद की पैगम्बर मोहम्मद साहब के प्रति अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में शुक्रवार रात मंदिर के बाहर हुए प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा है कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों को ‘गोली’ मार देनी चाहिए थी।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में गुर्जर कथित रूप से कहते हैं कि अगर 10-20 लोग मर जाते तो 'बवाल करने वाले लोग नहीं होते।'

नरसिंहानंद ने पिछली 29 सितंबर को गाजियाबाद के हिंदी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस मामले में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

नरसिंहानंद की टिप्पणी के विरोध में डासना मंदिर के बाहर प्रदर्शन

नरसिंहानंद की टिप्पणी के विरोध में लोगों ने शुक्रवार रात डासना मंदिर के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को लेकर डासना पुलिस चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक भानु की शिकायत पर वेव सिटी थाने में 150 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उनमें से छह को गिरफ्तार किया गया है। घटना के बाद मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है।

रात में 10-20 लोग मर जाते, तो इस तरह का बवाल करने वाले लोग नहीं होते- नंद किशोर गुर्जर

डासना देवी मंदिर पहुंचे गुर्जर ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में शुक्रवार रात मंदिर पर पथराव होने का आरोप लगाते हुए कहा, ''जो मंदिर पर हमला हुआ है वह सनातन धर्म पर हमला है। पुलिस ने रात में लाठी चार्ज का नाटक तो किया लेकिन रात में पुलिस को 10-20 लोगों को गोली मार कर ‘एनकाउंटर’ करना चाहिए था। यह हमला पूरे हिंदुत्व पर है। रात में 10-20 लोग मर जाते, तो इस तरह का बवाल करने वाले लोग नहीं होते।''

भाजपा विधायक ने कहा, ''जब सर तन से जुदा के नारे लगते हैं तो क्या हिंदू समाज के लोग इस तरह से जाकर किसी मस्जिद पर पथराव करते हैं?'

अपने विवादित बयानों के लिये चर्चा में रहने वाले भाजपा विधायक ने कहा, ''यह मंदिर- हिंदुओं की आस्था पर हमला है, इसलिए सब पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाया जाए और जो गिरफ्तार ना हो तो इनाम घोषित कर उनका ‘एनकाउंटर’ हो।''

नंद किशोर गुर्जर ने किया महंत यति नरसिंहानंद का बचाव

उन्होंने महंत यति नरसिंहानंद का बचाव करते हुए कहा, ''महाराज जी ने जो कहा वह विषय अलग है और अब किस तरह के हमले लगातार सनातन धर्म पर हो रहे हैं, बेटियों को मार दिया जा रहा है, बांग्लादेश में जो हालात हुए हैं, उससे स्वाभाविक है कि उनकी कोई बात आवेश में निकली हो।''

वहीं, पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), सिटी जोन, राजेश कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कैला भट्टा क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मियों और प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के जवानों को तैनात किया गया है, जहां मुस्लिम आबादी काफी है।

नरसिंहानंद की टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन के बाद कई राज्यों में पुलिस को शिकायतें दी गई हैं। महाराष्ट्र के अमरावती शहर में प्राथमिकी दर्ज की गई है। नरसिंहानंद के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, जिसमें दिसंबर 2021 में हरिद्वार में एक सम्मेलन में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देना भी शामिल है। इस मामले में वह जमानत पर है।

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Updated 20:00 IST, October 6th 2024