अपडेटेड 27 March 2025 at 16:56 IST

मोहम्मद शमी की बहन-बहनोई बने मनरेगा मजदूर, 3 साल तक उठाते रहे मजदूरी; अब खुली फर्जीवाड़े की पोल

आरोप ये हैं कि फर्जीवाड़ा कर शमी की बहन, बहनोई और परिवार के अन्य सदस्यों को मनरेगा मजदूर बनाया गया। 2021 से लेकर 2024 तक उनके खाते में मजदूरी डाली गई है।

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Mohammad Shami
Mohammad Shami | Image: AP

MGNREGA Fraud in Amroha: मनरेगा में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस बार मामला भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के रिश्तेदारों से जुड़ा है। शमी की बहन शबीना पर आरोप लगे हैं कि वह 3 सालों तक मनरेगा मजदूरी लेते रहे। बहन की सास एक ग्राम प्रधान है। यह चौंकाने वाला मामला सामने आने के बाद इसको लेकर जांच शुरू कर दी गई है।

मामले में आरोप ये लगे हैं कि फर्जीवाड़ा कर शमी की बहन, बहनोई और परिवार के अन्य सदस्यों को मनरेगा मजदूर बनाया गया। साल 2021 से लेकर 2024 तक उनके खाते में मनरेगा की मजदूरी डाली गई है।  

जांच के लिए गांव पहुंचे अधिकारी

इस मामले की शिकायत मिलने पर CDO एके मिश्र के निर्देश पर बीडीओ जोया ब्लॉक लोकचंद आनंद मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। जांच के लिए वह बुधवार (26 मार्च) को गांव भी पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों और मनरेगा मजदूरों से बातचीत कर मामले और आरोपों का सच जाना। इस दौरान पता चला कि अगस्त महीने में ही दोनों के मनरेगा कार्ड निरस्त कर दिए गए थे। वेबसाइट से भी नाम हटा दिया गया था। अब अधिकारी उनको मिली गई मनरेगा मजदूरी की रिकवरी की तैयारी में जुट गए हैं।

जांच में क्या खुलासे हुए? 

पूरा मामला कुछ ऐसा है कि जोया ब्लॉक के क्षेत्र के गांव पलौला में क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना और उनके बहनोई गजनबी का परिवार रहता है। बताया गया है कि शबीना और गजनबी के मनरेगा जॉब कार्ड बनाए गए थे। इस आधार पर उनको मजदूरी का भुगतान भी किया जा रहा था। शबीना की सास ही गांव की ग्राम प्रधान भी बताई गई हैं।

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जब इन आरोपों की जांच हुई तो मालूम चला कि शमी की बहन-बहनोई के अलावा उनके परिवार के दो और सदस्यों के मनरेगा कार्ड बने हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच में पाया गया कि इनके खाते में 70-70 हजार रुपये की मजदूरी का भुगतान भी किया जा चुका है।

3 सालों तक उठाई मजदूरी

रिपोर्ट्स के मुताबिक रिकॉर्ड के अनुसार 4 जनवरी 2021 को शबीना का मनरेगा के लिए रजिस्ट्रेशन हुआ था। तीन साल तक यानी 21 मार्च 2022 से 23 जुलाई 2024 तक मनरेगा में काम पर वह मजदूरी पाती रहीं। उनके साथ परिवार के दूसरों सदस्यों को भी मजदूरी का पैसा मिला।

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मामले में अमरोहा की डीएम निधि गुप्ता वत्स का कहना है कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। इसमें जो भी लोग दोषी होंगे उनसे वसूली भी होगी और उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 27 March 2025 at 16:56 IST