पब्लिश्ड 22:55 IST, January 9th 2025
Mahakumbh से पहले प्रयागराज में कुमार विश्वास ने सजाया राम दरबार, 'अपने-अपने राम' के समापन पर युवाओं से कर दी बड़ी अपील
महाकुंभ की शुरूआत से पहले कवि कुमार विश्वास ने प्रयागराज में तीन दिन तक 'अपने-अपने राम' के माध्यम के श्रोताओं को प्रभू राम की भक्ति के रस में सराबोर कर दिया।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 की शुरूआत से पहले कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) ने संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में तीन दिन तक 'अपने-अपने राम' के माध्यम के श्रोताओं को भगवान राम की भक्ति के रस में सराबोर दिया। तीन दिवसीय 'अपने-अपने राम' (Apne-Apne Ram) के समापन पर कुमार विश्वास ने कहा कि महाकुंभ अपने आप में आध्यात्मिक रूप से ऐतिहासिक समृद्ध और चेतना संपन्न पर्व है यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है विश्व की सारी प्रबुद्ध चेतन एक साथ इकट्ठी होती हैं यह बहुत ही महत्वपूर्ण बात होती है। मैं देश भर के युवाओं से भी अनुरोध करता हूं कि वह आए और इस स्पंदन को महसूस करें भारत का सनातन धर्म एक वैदिक दृष्टि विकसित करता है विश्व में अगर विज्ञान को भी सकारात्मक रहना तो उसे कुंभ के माध्यम से नई दृष्टि तलाश नहीं पड़ेगी।
कवि कुमार विश्वास ने कहा कि कुंभ केवल एक धर्म का आयोजन नहीं है, कुंभ विश्व की आध्यात्मिक चेतना (Spiritual Consciousness) के स्पंदन का पल है। जहां इतने सारे सकारात्मक लोग एक साथ इकट्ठे होकर प्राप्त लोग, जिन्हें सिद्धियां प्राप्त हो गई हैं वह सब वैराग्य भाव से आते हैं और इस महोत्सव को मानते हैं।
युवाओं से अपील वो महाकुंभ जरूर आएं- कुमार विश्वास
कवि कुमार विश्वास ने कहा कि मैं विश्व भर के नागरिकों से विशेष रूप से भारत के नागरिकों से भारत के युवाओं से भी अनुरोध करूंगा कि वह आए और इसे धार्मिक उत्सव ना मानकर जैसे इस समय में विश्व अलगाव में जूझ रहा है, ऐसे समय में अलग-अलग विचार की अलग-अलग प्रभाव धर्म की अलग-अलग व्याख्याओं के लोग एक ही जगह इकट्ठे होकर कैसे एक दूसरे को स्वीकार कर रहे हैं। आचार्य लोग, महामंडलेश्वर लोग, परम पूज्य शंकराचार्य जी भगवान इतने प्रकार के लोग यहां पर हैं, यह अपने आप में बहुत बड़ा पुण्यक्षण है। 144 वर्षों में यह युति जुड़ी है इसका लाभ उठाएं जीवन में एक ही बार मिलती है।
20, 21 और 22 जनवरी फिर 'अपने-अपने राम'- कुमार विश्वास
कुमार विश्वास ने कहा कि आज अपने-अपने राम में जो 50,000 के पास आसपास लोग आए बहुत सारे लोग बाहर से आए, वह सारा चमत्कार भगवान राम के नाम का है, मेरे जैसे सामान्य वक्ता का नहीं। मेरा प्रयास केवल यह था जब शाही स्नान के बाद कुंभ विधिवत प्रारंभ हो जब साधु संतों का आगमन हो उनकी वाणी गूंजे उससे पहले जैसे मार्ग को बुहारा जाता है हम सब मिलकर उसे मार्ग को बुहारने का काम कर रहे हैं ताकि संतों के चरणों में केवल पुष्प पड़ें। यही प्रयास था और यही प्रयास पूर्ण हुआ। अब 20, 21 और 22 जनवरी को पुन: गंगा मंडपम में अपने-अपने राम फिर उपस्थित होऊंगा।
अपडेटेड 22:55 IST, January 9th 2025