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पब्लिश्ड 20:55 IST, January 23rd 2025

'सबसे सुंदर साध्वी' हर्षा रिछारिया पर दोस्त ने लगाया बड़ा आरोप, कहा- वह बहरूपिया है, रील-पब्लिसिटी के लिए भगवा को...

दीपक फिल्म जगत में डायरेक्टर हैं उन्होंने हर्षा को बहुरूपिया करार देते हुए दावा किया कि उसने गुमनामी से बचने और पब्लिसिटी के लिए भगवा का सहारा लिया।

Reported by: Nidhi Mudgill
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Harsha Richaria
साध्वी हर्षा रिछारिया | Image: Instagram

Beautiful Sadhvi Harsha Richaria : प्रभावशाली अभिनेत्री से साध्वी बनीं हर्षा रिछारिया पर उनके करीबी दीपक सारस्वत ने गंभीर आरोप लगाए हैं। दीपक फिल्म जगत में डायरेक्टर हैं उन्होंने हर्षा को बहुरूपिया करार देते हुए दावा किया कि उसने गुमनामी से बचने और पब्लिसिटी के लिए भगवा का सहारा लिया। दीपक सारस्वत ने हर्षा के भगवा चोले को सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट बताते हुए कहा, 'वह अध्यात्म से कोसों दूर है। उसके भगवा पहनने के पीछे रील और लोकप्रियता का मकसद है। मेरे साथ वह रही है, लेकिन उसमें अध्यात्म जैसी कोई बात नहीं है।' 

हर्षा के भगवा चोले को बताया पब्लिसिटी स्टंट

दीपक ने यह भी खुलासा किया कि हर्षा फिल्म इंडस्ट्री में पहचान खो चुकी थी और उसके बाद उसने अध्यात्म का सहारा लिया। उन्होंने मीडिया को हर्षा के साथ अपनी तस्वीरें भी दिखाई और कहा कि यह सब उसकी पब्लिसिटी की साजिश का हिस्सा है। दीपक ने बताया कि हर्षा रिछारिया फिल्म जगत में संघर्ष के बाद गुमनाम हो गई थीं। इसके बाद उसने भगवा धारण कर अध्यात्म का रास्ता दिखाने का नाटक किया। उन्होंने कहा कि हर्षा ने सभी को गुमराह किया है और यह सब उसके पब्लिसिटी स्टंट का हिस्सा है। दीपक सारस्वत दिल्ली और मुंबई में रहते हैं और सीरीज, एड फिल्म और मूवी के निर्देशन का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हर्षा का यह रूप देखकर वह भी हैरान हैं और इसे समाज और धर्म के साथ खिलवाड़ करार दिया है।

सुर्खियों में साध्वी हर्षा रिछारिया

भगवा कपड़े पहने माथे पर बड़ा सा टीका लगाए। हर्षा रिछारिया महाकुंभ की शुरुआत से सुर्खियों में आई और फिर इनके महाकुंभ से वापस जाने की भी खबरे आईं। लेकिन इस बार हर्षा महाकुंभ में वापसी को लेकर चर्चाओं में हैं। एक बार फिर हर्षा रिछारिया की महाकुंभ में वापसी हुई है।

महाकुंभ में वापसी पर हर्षा रिछारिया ने कहा कि मैं अपने घर में ही आई हूं, मैं अपने महाराज जी के पास ही आई हूं, जिनका आशीर्वाद और साथ मेरे साथ बना हुआ है, जिनका हाथ मेरे सर पर है। अगर वह मेरे साथ हैं तो मुझे और क्या हो सकता है, एक पिता का साथ अगर बेटी को मिल गया तो उसको और किसकी जरूरत है। जैसा कि मैं पहले भी बोला था मैं यहां पर धर्म को जानने के लिए आई हूं, मैं धर्म से जुड़ने के लिए आई हूं, समाज में जागरूकता फैलाने के लिए आई हूं और युवाओं का रुख धर्म की तरफ करने के लिए आई हूं। मैं उम्मीद करती हूं कि जब महाराज जी का आशीर्वाद मेरे सर पर है तो मैं धर्म की तरफ लोगों को ला पाऊंगी।

'कुछ शब्दों से मुझे तकलीफ हुई थी लेकिन अब....'- हर्षा रिछारिया

कुंभ छोड़कर जाने के सवाल पर हर्षा रिछारिया ने कहा की कुछ शब्दों से मुझे बहुत ज्यादा तकलीफ हुई। मैं उतनी उम्मीद नहीं कर रही थी कि ऐसा कुछ मैं सुनूंगी वह भी प्रयागराज जाकर लेकिन जब मैंने सुना तो उससे मुझे तकलीफ हुई लेकिन कहीं ना कहीं महाराज जी ने मुझे हौसला दिया है, उन्होंने मेरा साथ दिया और उसके साथ-साथ देश के तमाम युवाओं ने तमाम लोगों ने मैसेज और कॉल्स और ईमेल्स करके कि अगर आप चली गई तो हम भी धर्म के लिए मुड़ना नहीं चाहेंगे। हम जहां हैं वहीं रहना पसंद करेंगे। अगर इतनी चुनौतियां होती है इस रास्ते में तो हम धर्म से दूर ही ठीक हैं। तो कहीं ना कहीं यह चुनौतियां फेस करते हुए मैं आगे बढूंगी और देश के तमाम युवाओं को जो मेरी तरह भटके हुए हैं धर्म की तरफ जरूर लेकर आऊंगी।

महाकुंभ में रहूंगी यह मेरी कोशिश रहेगी- हर्षा रिछारिया

अपने छलकते आंसुओं पर हर्षा रिछारिया ने कहा कि मेरे आंसू खुशी और दुख दोनों बयान करते हैं। महाराज जी का साथ मिलने के बाद अब खुशी ज्यादा बयान करते हैं। हमारे वेद, शास्त्र और पुराणों में नारी को हमेशा दुर्गा शक्ति के रूप में पूजा गया है। महाराज जी मेरे पिता तुल्य हैं, मैं उनकी बेटी हूं, उनका हाथ मेरे सर पर है अब मुझे नहीं लगता कि मुझे कोई भी झुक सकता है, तोड़ सकता है। अब मैं पूरे महाकुंभ में रहूंगी यह मेरी कोशिश रहेगी बाकी ईश्वर की मर्जी।

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अपडेटेड 20:55 IST, January 23rd 2025