Published 15:51 IST, October 6th 2024
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री बैन! 8 अखाड़ों का फैसला- 'कुंभ में आईडी हो जरूरी'
Maha Kumbh 2025: 8 अखाड़ों के साधु संतों ने बैठक के बाद ऐलान किया कि महाकुंभ में पहचान पत्र दिखाकर एंट्री दी जाए और सिर्फ सनातनियों को ही प्रवेश मिले।
Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी, 2025 से आस्था के सबसे बड़े महाकुंभ की शुरुआत होने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की बेवसाइट और LOGO भी लॉन्च कर दिया है। सीएम योगी ने शनिवार को युद्धस्तर पर जारी महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों को 10 दिसंबर तक सभी काम पूरा करने का दिया निर्देश। सरकार का दावा है कि अगले साल आयोजित होने वाला महाकुंभ को 2019 से अधिक भव्य और दिव्य होगा। इसी बीच महाकुंभ में प्रवेश को लेकर 8 अखाड़ों के साधु संतों ने बड़ा ऐलान कर दिया है।
प्रयागराज 8 अखाड़ों के साधु संतों ने बैठक के बाद ऐलान किया कि इस बार महाकुंभ में पहचान पत्र दिखाकर एंट्री दी जाए। प्रयागराज के निरंजनी अखाड़े में हुई अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि 'महाकुंभ मेले में सिर्फ सनातनियों को ही प्रवेश दिया जाए। कोई भी मुखौटा लगाकर गलत तरीके से महाकुंभ मेले में प्रवेश कर सनातन संस्कृति और परंपरा को दूषित कर सकता है। इस खतरे से निपटने के लिए समय रहते मेला प्रशासन और सरकार को चौकन्ना रहना होगा'
पहचान बताओ, डुबकी लगाओ
प्रयागराज में अगले साल होने वाले कुंभ को लेकर संतों ने मांग कि है कि ID प्रूफ के आधार पर ही लोगों को एंट्री मिले। महाकुंभ में लाखों-करोड़ों श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में सभी की पहचान कर पाना मुश्किल है, लिहाजा संतों ने ये फैसला किया है कि स्नान करने के लिए आए लोगों को ID कार्ड दिए जाएं और जो स्नान करने आएंगे उन्हें अपनी पहचान बतानी होगी। अखाड़ा परिषद ने कहा कि चाहे अखाड़ों में है या अखाड़ों से सम्बंधित लोग हैं। जो भी महाकुंभ में आएंगे, उन सभी का ID प्रूफ होना जरूरी है। उनके पास आधार कार्ड होना जरूरी है।
'संत बनकर घूमते हैं मुस्लिम'
कई मामले ऐसे सामने आए हैं, जब लोग पहचान छुपाकर गरबा में दाखिल हो जाते हैं। उसकी तुलना में महाकुंभ काफी बड़ा धार्मिक आयोजन है। ऐसे में अखाड़े के संत मांग कर रहे हैं कि ID प्रूफ के बिना किसी को भी एंट्री नहीं मिलनी चाहिए। ये मांग इसलिए भी हो रही है क्योंकि महाकुंभ की पवित्रता को बनाकर रखा जा सके। संतों का कहना है कि उन्होंने कई बार देखा है कि कुंभ में मुस्लिम लोग संत बनकर घूमने लगते हैं। इसलिए जरूरी है, जो भी प्रयागराज महाकुंभ में आए, उसकी जांच हो।
इस्लामिक स्कॉलर ने किया विरोध
संत समाज के इस बयान के माद मौलाना-मौलवियों का गुस्सा भी फूट पड़ा है और इस फैसले को शर्मनाक बता रहे हैं, साथ ही एक बार फिर गंगा-जमुनी तहजीब का राग अलाप रहे हैं। इस्लामिक स्कॉलर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि इस फैसले के जरिए देश को तोड़ने का काम किया जा रहा है।
दरअसल, साधु-संत नहीं चाहते कि महाकुंभ किसी भी तरह से अपवित्र हो। जिस तरह से लोग पहचान छुपाकर गरबा के कार्यक्रमों में दाखिल होते हैं, थूक जिहाद की कोशिश करते हैं। ऐसे में संतों की मांग है कि महाकुंभ मेले में सिर्फ सनातनियों को ही प्रवेश दिया जाए।
Updated 15:59 IST, October 6th 2024