Published 16:12 IST, April 27th 2024
'धनंजय सिंह की जान को खतरा, पीएम मोदी करें मंगलसूत्र की रक्षा', बरेली जेल पर बोलीं बाहुबली की पत्नी
धनंजय सिंह को जौनपुर से बरेली जेल शिफ्ट किया है। उनकी पत्नी श्रीकला ने आरोप लगाया कि धनंजय सिंह की जान को खतरा है।
Dhananjay Singh Jaunpur : पूर्वांचल की राजनीति में अब असली खेला शुरू हो गया है। जौनपुर से बाहुबली नेता धनंजय सिंह (Former MP Dhananjay Singh) की जमानत इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंजूर करदी है। ये फैसला जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने सुनाया। हाई कोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अपहरण और फिरौती के एक मामले में मिली सजा पर रोक लगाने से शनिवार को इनकार कर दिया। अब वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इससे पहले धनंजय सिंह को बरेली जेल ट्रांसफर किया गया था। जिसपर उनकी पत्नी श्रीकला ने सवाल उठाया है।
शनिवार को धनंजय सिंह को जौनपुर से बरेली जेल शिफ्ट किया। उनकी पत्नी श्रीकला ने आरोप लगाया कि धनंजय सिंह को जान का खतरा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव में डर की वजह से धनंजय सिंह को यहां से हटाया गया है। इससे धनंजय सिंह की जान को भी खतरा है। आखिर क्या वजह थी कि अचानक उनको यहां से शिफ्ट कर दिया गया?' उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद मोदी से भी अपने मंगलसूत्र की रक्षा की मांग की है। धनंजय सिंह की पत्नी जौनपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष हैं और जौनपुर संसदीय क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की उम्मीदवार हैं।
चुनाव प्रभावित करने की कोशिश
धनंजय सिंह, 6 मार्च से जौनपुर जेल में बंद थे। रंगदारी और अपहरण के एक मामले में जिले की एक अदालत ने उन्हें 7 साल की सजा सुनाई है। जौनपुर एसपी डॉ. अजय पाल शर्मा ने बताया कि शासन के आदेश का अनुपालन करते हुए उन्हें शनिवार को सुबह आठ बजे जौनपुर जिला कारागार से बरेली जेल ले जाया गया। खबर है कि धनंजय सिंह जेल के अंदर से चुनाव को कथित रूप से प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे और शासन ने इस बात को संज्ञान में लेते हुए उन्हें बरेली जेल भेजा।
2 बार विधायक और एक बार सांसद
बाहुबली नेता धनंजय सिंह दो बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने 2009 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी जीता, लेकिन उसके बाद उन्हें सफलता नहीं मिली। जौनपुर की MP/MLA कोर्ट ने नमामि गंगे परियोजना के प्रबंधक अभिनव सिंघल के अपहरण और फिरौती मांगने के 2020 के मामले में धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम सिंह को 6 मार्च, 2024 को 7 साल के सजा सुनाई थी।
धनंजय सिंह और संतोष विक्रम सिंह ने MP/MLA कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्च में चुनौती दी थी। याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने 24 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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Updated 16:12 IST, April 27th 2024