पब्लिश्ड 09:24 IST, September 1st 2024
'10 हजार दो'...पैसे न मिलने तक रुका रहा गोताखोर, इधर गंगा में बहे डिप्टी डायरेक्टर; अब तक सुराग नहीं
लखनऊ निवासी 45 वर्षीय आदित्य वर्धन सिंह छुट्टी पर थे और अपने दोस्तों प्रदीप तिवारी और योगेश्वर मिश्रा के साथ नानामऊ घाट गए थे। इसी दौरान आदित्य वर्धन डूब गए।
Unnao News: कोई सोच भी सकता है कि चंद पैसों के लिए किसी को मरने के लिए छोड़ा जा सकता है। वो भी तब जब पैसे देने का वादा भी कर दिया गया हो और ऑनलाइन ट्रांसफर में देरी हो रही हो। कुछ ऐसी ही हैरान करने वाली घटना उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से आई है। यहां कथित तौर पर गोताखोरों ने एक डिप्टी डायरेक्टर को तब तक बचाने की कोशिश नहीं की, तब तक उनके पास पैसे ट्रांसफर नहीं हुए। शर्म की बात ये है कि गोताखोर कथित तौर पर पैसा ट्रांसफर होने तक रुका रहा और इधर उन्नाव में जज के पति गंगा में डूब गए।
जानकारी के मुताबिक, आदित्य वर्धन सिंह वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर हैं। उनकी पत्नी महाराष्ट्र के अकोला जिले में जज हैं। लखनऊ निवासी 45 वर्षीय आदित्य वर्धन सिंह छुट्टी पर थे और अपने दोस्तों प्रदीप तिवारी और योगेश्वर मिश्रा के साथ नानामऊ घाट गए थे। शनिवार दोपहर को तीनों घाट पर पहुंचे और किनारे पर अपनी गाड़ी पार्क करने के बाद नहाने के लिए नदी में चले गए। पानी में रहने के दौरान आदित्य वर्धन सिंह तेज बहाव में बह गए और लापता हो गए।
बिना पैसे बचाने नहीं गया गोताखोर!
बताया जाता है कि वहां गोताखोर को बुलाया गया था। उसने 10 हजार रुपये मांगे थे। उसकी डिमांड थी कि उसे पैसा कैश में दिया जाए, लेकिन बाद में तय हुआ कि वो ऑनलाइन पैसे ले लेगा। आरोप है कि गोताखोर डिप्टी डायरेक्टर को बचाने के लिए तब तक गंगा नदी में नहीं उतरा, जब तक उसे पैसा ट्रांसफर नहीं हुआ। हालांकि पैसा ट्रांसफर होने तक काफी दे हो चुकी थी। डिप्टी डायरेक्टर तेज बहाते के साथ बहते चले गए और कोई अता-पता नहीं चला।
NDRF की टीम कर रही है तलाश
उन्नाव में एनडीआरएफ की टीम स्थानीय प्रशासन के साथ इस समय राज्य स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह की तलाश कर रही है। गंगा नदी में डिप्टी डायरेक्टर को ढूंढा जा रहा है, लेकिन कई घंटों के खोजबीन के बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है।
अपडेटेड 09:24 IST, September 1st 2024