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पब्लिश्ड 22:35 IST, January 8th 2025

महाकुंभ के आगाज से पहले CM योगी बोले- भारत नए सिरे से लिख रहा इतिहास

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के 'महाकुंभ महासम्मेलन' में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के आयोजन को लेकर अपने हृदय के भाव प्रकट किए।

Reported by: Deepak Gupta
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CM Yogi Adityanath At Maha Kumbh Mahasammelan
CM Yogi Adityanath At Maha Kumbh Mahasammelan | Image: Republic

Maha Kumbh Mahasammelan: रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के 'महाकुंभ महासम्मेलन' में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने 13 जवनरी से शुरू होने जा रहे महाकुंभ के आयोजन को लेकर अपने हृदय के भाव प्रकट किए। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के भव्य 'महाकुंभ महासम्मेलन' में सीएम योगी ने कहा, भारत की सनातन की जो हमारा परंपरा है, ये दुनिया की सबसे प्राचीन संस्कृति है। कुंभ और महाकुंभ का आयोजन भी इसी प्राचीन समागम का महापर्व है और इसकी तुलना किसी धर्म या मजहब से नहीं की जा सकती है। महाकुंभ के आयोजन के जरिए भारत नए सिरे से इतिहास लिख रहा है।

सीएम योगी ने कहा हमारे प्राचीन ऋषि सदैव एक बात की प्रेरणा देते रहे हैं। ज्ञान जहां कहीं से भी आए उसके लिए अपने द्वार खोल रखो और खुले रखो का मतलब हमारे ऋषि मुनियों की जो परंपराएं थी, उन्होंने उसे इन आयोजनों के साथ हजारों वर्ष जोड़े रखा। उसके पीछे आध्यात्मिक और धार्मिक कारण भी जुड़े। देवासुर संग्राम के दौरान अमृत की बूंदे जिन चार पवित्र स्थान पर गिरीं वहां पर कुंभ का आयोजन होता है। हमारे लिए भारत की ज्ञान परंपरा में यह सब चिंतन और मनन के अवसर थे। प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक त्रयंबकेश्वर। इन स्थलों पर पूरे भारत के ऋषि मुनि एकत्र होकर के भारत की उसे समय की परिस्थितियों पर चिंतन करके फिर एक नई दिशा देने का कार्य उसके माध्यम से करते थे और इस प्रकार के अनेक उदाहरण भारत की परंपरा में देखने को मिलते हैं।

महाभारत के समय भी ऐसे ही समागम का उल्लेख मिलता है- सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि अगर आप देखेंगे महाभारत के पहले 5500 वर्ष पहले भी इसी प्रकार के एक भारी समागम का उल्लेख हमें देखने को मिलता है, जो उस समय की आध्यात्मिक भारत की विरासत को जो आज वैदिक ज्ञान की परंपरा के रूप में हमें देखने को मिलता है क्योंकि सबको समय का शंक था कि जो हमारे गुरु शिष्य की श्रवण परंपरा है, वह अगर किसी कारण से बाधित हो गई तो उसको अब लिपिबद्ध करने का समय आ गया है। उसी को 5000 वर्ष पहले भगवान वेद व्यास ने चारों वेदों को संहिता रूप देकर के हमें प्रदान किया।

भारत की ऋषि परंपरा ने सदैव ज्ञान की धारा का नेतृत्व किया- सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारत के ऋषि सदैव उसे ज्ञान की धारा का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं जिसने समय पर देश को एक नेतृत्व दिया है, एक नई दिशा दी है, आगे बढ़ाने के लिए एक नई प्रेरणा प्रदान की है। कुंभ का आयोजन भी भारत की इस आध्यात्मिक और धार्मिक परंपरा में भारत के ज्ञान की परंपरा को आगे बढ़ने का भारत के सामाजिक परंपरा को आगे बढ़ने का अवसर है। आधुनिक भारत में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विरासत और विकास के एक अद्भुत संगम के रूप में कुंभ और महाकुंभ के आयोजन आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे ही हमारा सौभाग्य है आज से 6 वर्ष पहले प्रयागराज कुंभ में हमें जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ था और इस वर्ष महाकुंभ का आयोजन जो 12 वर्ष में आता है लेकिन इस बार 144 वर्ष के बाद इस प्रकार के मुहुर्त बन रहे हैं जो इस महाकुंभ के साथ पूरे देश और दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए लालायित दिखाई दे रहे हैं और उसे पूरा आयोजन के लिए केंद्र और राज्य सरकार की सरकारों ने मिलकर अनेक प्रबंध किए हैं और उसको हम आने पर आगे बढ़ने का काम कर रहे हैं। 

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अपडेटेड 22:35 IST, January 8th 2025