Published 11:31 IST, July 31st 2024
'मानसून ऑफर' के बीच चाचा शिवपाल ने CM योगी के सामने खोल दिया बड़ा राज, बढ़ सकती है अखिलेश की टेंशन
अखिलेश यादव कहीं ना कहीं जहां मानसून ऑफर के सहारे बीजेपी के एक गुट को अपने पाले में लाने की कोशिश में थे। अभी चाचा शिवपाल यादव ने एक बड़ा राज खोल दिया है।
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की सियासत में तेजी से घटनाक्रम बदल रहा है। जहां पिछले दिनों अखिलेश यादव 'मानसून ऑफर' लेकर आए थे, अब शिवपाल सिंह यादव ने कहीं ना कहीं उस पर पानी फेर दिया है। अखिलेश का ऑफर बीजेपी नेताओं के लिए था, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच तनातनी की चर्चाएं थीं। मतलब ये है कि अखिलेश बीजेपी के एक गुट को अपने पाले में लाने की कोशिश में थे। हालांकि शिवपाल ने इसी बीच ये कहकर अखिलेश यादव को झटका दे दिया है कि वो 3 साल पहले बीजेपी के संपर्क में थे।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में मजाकिया माहौल के बीच शिवपाल यादव ने एक ऐसी बात बोल दी थी, जिसमें काफी गहराई थी। भले उस समय सदन के भीतर हंसी मजाक हो रहा था, लेकिन शिवपाल की जुबान से बड़ा सच निकल पड़ा था। शिवपाल सिंह यादव ने मौका और नजाकत का फायदा उठाते हुए बीजेपी के साथ ही अखिलेश यादव को भी मैसेज दे दिया था। शिवपाल ने मान लिया कि 3 साल पहले वो बीजेपी के संपर्क में थे। अपने बयान में समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल यादव ने कहा- '3 साल तो आपके (बीजेपी) संपर्क में भी रहे लेकिन आपने भी तो गच्चा दिया था।' इससे शिवपाल सिंह यादव ने मुहर लगा दी कि उन्होंने बीजेपी से संपर्क किया था। सदन के अंदर शिवपाल यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने ही ये राज खोल दिया था।
शिवपाल और अखिलेश के रिश्ते बिगड़े और बने
हालांकि शिवपाल के बीजेपी से संपर्क करने का दौर अलग था। उस समय शिवपाल और अखिलेश यादव के बीच टकराव चरम पर था। एक कथन है कि राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता। सब कुर्सी का खेल है और इसी खेल में अखिलेश ने शिवपाल को मात दी थी। उसके बाद कई मौकों पर दोनों के बीच की लड़ाई सार्वजनिक मंचों पर देखी गई थी।
मुलायम सिंह के समय छोटे भाई शिवपाल यादव उनसे साथ साए की तरह खड़े नजर आते थे। ऐसे में सबको लगता था कि वही राजनीतिक उत्तराधिकारी होंगे। ये बात तक और पुख्ता हो चुकी थी, जब अखिलेश की बजाय मुलायम ने कई मौकों पर भाई शिवपाल का साथ दिया था। 2016 में जब अखिलेश मुख्यमंत्री थे, तो 'सरकार बनाम संगठन' की लड़ाई भी देखी गई। शिवपाल ने सार्वजनिक मंचों से सरकार पर आरोप लगाए थे। बाद में अखिलेश ने शिवपाल से 3 मंत्रालय वापस ले लिए थे। फिर पार्टी को लेकर मुलायम के परिवार में झगड़ा शुरू हो गया था। बाद में अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव को ही हटाकर पार्टी की कमान हथिया ली। इससे अखिलेश यादव और मजबूत हो चुके थे। इधर, शिवपाल कमजोर पड़ गए। आखिर में 2018 में शिवपाल ने समाजवादी पार्टी से ही नाता तोड़ लिया और अपनी अलग पार्टी बना ली।
2019 में अपने दम पर शिवपाल ने चुनाव लड़ा। माना जाता है कि अखिलेश की पार्टी को इससे चुनाव में बड़ा नुकसान हुआ था। बीच-बीच में शिवपाल यादव को बीजेपी के करीब जाते देखा गया था। हालांकि आखिरी वक्त तक पासा नहीं पलटा। या यूं कह सकते हैं कि शिवपाल की बीजेपी के साथ जाने पर बात नहीं बन सकी थी। बाद में अखिलेश ने चाचा शिवपाल से रिश्ते सुधारने की कवायद की थी, जो सफल हुई। दिसंबर 2022 में शिवपाल ने अखिलेश से हाथ मिला लिया। बदले में अखिलेश ने उन्हें सपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़वाया।
इसी तरह शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच राजनीतिक रिश्ते टूटते-बिखरते और फिर बनते रहे हैं। हालांकि जब अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच रिश्ते बेहतर हो चुके हैं, उसी बीच में 'गच्चा' वाली राजनीति ने उत्तर प्रदेश में भूचाल ला दिया है। गच्चे पर जारी इस गप्पेबाजी में शिवपाल सिंह यादव ने वो राज खोल दिया है, जो वो काफी समय से दिला में छिपाकर बैठे थे। खैर, अभी 'गच्चा' की सियासत ने रिश्तों पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
क्या अखिलेश ने फिर दिया है शिवपाल को 'गच्चा'
चाचा शिवपाल की बजाय अखिलेश यादव ने विधानसभा में सपा विधायक माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने दावा किया कि शिवपाल यादव को फिर से गच्चा दे दिया गया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन महिला अपराध को लेकर चर्चा हो रही थी। कमान योगी आदित्यनाथ ने संभाली। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद के बहाने सीएम योगी ने एक तीर से तीन शिकार कर डाले। पहला माता प्रसाद, दूसरा अखिलेश यादव और तीसरा अखिलेश के चाचा शिवपाल।
सांसद बनने पर अखिलेश ने विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी थी, जिससे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हो गया था। हालांकि चर्चाएं थीं कि अखिलेश सदन में अपनी जगह चाचा शिवपाल को नेता प्रतिपक्ष का पद दे सकते हैं, लेकिन वो नहीं हुआ। इसी को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी टिप्पणी में कहा कि एक अलग विषय है कि आपने (माता प्रसाद पांडे) चाचा को गच्चा दे ही दिया। चाचा (शिवपाल सिंह यादव) बेचारा हमेशा ही ऐसे मार खाता है। इनकी नियती ही ऐसी है। क्योंकि भतीजा (अखिलेश यादव) हमेशा भयभीत रहता है।
Updated 11:31 IST, July 31st 2024