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Published 11:48 IST, December 23rd 2024

1990 दंगों के बाद नदी में विसर्जित की मूर्तियां और पलायन... संभल-वाराणसी के बाद अब खुर्जा में मिला 50 साल पुराना मंदिर

मंदिर लगभग 50 साल पुराना है, जिसे मूल रूप से जाटव समुदाय के सदस्यों द्वारा बनाया गया था। 1990 के दंगों के बाद समुदाय ने पलायन कर दिया और तब से मंदिर बंद है।

Reported by: Ruchi Mehra
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Temple found in Bulandshahr, Khurja
बुलंदशहर के खुर्जा में मिला मंदिर | Image: X- ANI

Bulandshahr Temple News: उत्तर प्रदेश में बंद पड़े पुराने मंदिरों के मिलने का सिलसिला जारी है। पहले संभल फिर वाराणसी समेत ऐसे कई मामलों ने इस वक्त तूल पकड़ा हुआ है। इस बीच अब सालों पुराना बंद मंदिर मिलने का मामला बुलंदशहर से भी सामने आया है।

बुलंदशहर के खुर्जा में कई साल पुराना मंदिर मिला है। मंदिर को लेकर बताया जा रहा है यह पिछले 3 दशकों से बंद पड़ा हुआ था। इसे अब फिर से खोलने की मांग उठी है, जिससे लोग यहां पूजा-पाठ कर सकें।

मंदिर को फिर से खोलने की उठी मांग

वहीं, खुर्जा में दशकों से बंद पड़े मंदिर को मिलने की सूचना के बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) और जाटव विकास मंच के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन से जीर्णोद्धार कराने की मांग की। जिससे यहां धार्मिक गतिविधियों को फिर से शुरू किया जा सके।

पलायन कर गए थे हिंदू और फिर...

VHP के मेरठ प्रांत के पदाधिकारी सुनील सोलंकी ने बताया कि मंदिर साल 1990 से बंद है। उस दौरान यहां क्षेत्र में रहने वाले हिंदू परिवार पलायन कर गए थे। इस संबंध में जिला प्रशासन को एक ज्ञापन दिया है, जिसमें पूजा कराने के लिए मंदिर की सफाई और सौंदर्यीकरण का अनुरोध किया गया है।

50 साल पुराना बताया जा रहा है मंदिर

वहीं, जाटव विकास मंच के अध्यक्ष कैलाश भागमल गौतम ने बताया कि मंदिर लगभग 50 साल पुराना है, जिसे मूल रूप से जाटव समुदाय के सदस्यों द्वारा बनाया गया था। 1990 के दंगों के बाद समुदाय ने पलायन कर दिया और तब से मंदिर बंद है।

नदी में विसर्जित कर दी थीं मूर्तियां

खुर्जा के SDM दुर्गेश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया, "खुर्जा में सलमा हाकान मोहल्ला है मंदिर मिलने की बातें सामने आई हैं। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि इसको लेकर किसी भी समुदाय के बीच कोई विवाद नहीं है।"

उनके मुताबिक इस मंदिर का निर्माण जाटव समुदाय ने किया था और वह यहां पूजा भी करते थे। करीब 3 दशक पहले वह इस मोहल्ला को छोड़कर चले गए। बताया जा रहा है कि मंदिर की मूर्तियों को समुदाय के ही एक परिवार ने नदी में विसर्जित कर दिया था। SDM ने कहा कि मंदिर का ढांचा बरकरार है और इस स्थल को लेकर किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले में जांच जारी है।

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Updated 11:48 IST, December 23rd 2024