Published 07:20 IST, November 25th 2024
Sambhal Mosque Violence: संभल हिंसा में 4 की मौत, 20 पुलिसकर्मी घायल, स्कूल और इंटरनेट सेवाएं बंद
संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 सुरक्षाकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए।
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Sambhal Jama Masjid Sambhal Violence: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बाहुल्य शहर संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर पथराव और आगजनी की। रविवार को हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठियां बरसानी पड़ीं।
ताजा जानकारी के मुताबिक, इसमें 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 सुरक्षाकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए। इसके साथ ही इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया। वहीं हिंसा के बाद 12वीं तक के स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
मंडल आयुक्त बोले- शांतिपूरण तरीके से सर्वे चल रहा था कि तभी…
संभल में पत्थरबाजी की घटना पर मंडल आयुक्त अनंजय कुमार सिंह ने बताया कि 'रविवार को कोर्ट के आदेश पर सुबह 7 बजे से 11 बजे तक सर्वे किया जाना था। इस दौरान शांतिपूर्ण तरीके से सर्वे चल रहा था तभी कुछ लोग एकत्रित होकर जामा मस्जिद के बाहर नारेबाजी करने लगे। वहां पुलिस की पर्याप्त सुरक्षा मौजूद थी, हालांकि कुछ समय बाद वे पथराव करने लगे। फिहलाह पहचान की जा रही है कि इसमें कौन लोग शामिल थे। घटना में हमारे जवान भी घायल हुए हैं। पुलिस ने बल का प्रयोग करके भीड़ को तितर-बितर किया।'
संभल में अब तक क्या-क्या हुआ?
- रविवार सुबह कोर्ट कमिश्नर ने सर्वे शुरू किया।
- जामा मस्जिद के बाहर भीड़ पुलिस से भिड़ी।
- झड़प के बाद अराजक तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू की।
- पुलिस ने भीड़ पर लाठियां भांजी।
- हालात काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए।
- उपद्रवियों की भीड़ ने पथराव के बाद आगजनी शुरू की।
- कार जलाने के बाद सड़क किनारे खड़ी बाइकों को फूंकने की कोशिश।
- पथराव में कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं।
- 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
- चार की मौत और लगभग 20 से अधिक लोग घायल हो गए।
- 12वीं तक के स्कूल को बंद करने का आदेश
- हिंसा के बाद इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया।
अखिलेश यादव ने SC से की संज्ञान लेने की अपील
इस हिंसा के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल में शांति की अपील की है। साथ ही कहा कि कोई भी इंसाफ की उम्मीद न छोड़े। नाइंसाफी का हुक्म ज्यादा दिन नहीं चलता सरकार बदलेगी और न्याय का युग आएगा। उन्होंने आगे कहा कि सर्वे के नाम पर तनाव फैलाने की साज़िश का ‘सर्वोच्च न्यायालय’ तुरंत संज्ञान ले और जो अपने साथ सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से नारेबाज़ों को ले गए, उनके खिलाफ शांति और सौहार्द बिगाड़ने का मुक़दमा दर्ज हो और उनके ख़िलाफ़ ‘बार एसोसिएशन’ भी अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई करे। उन्होंने यह भी कहा कि उप्र शासन-प्रशासन से न कोई उम्मीद थी, न है।
संभल की जामा मस्जिद का इतिहास क्या है?
संभल की जामा मस्जिद, बाबर के 1526 और 1530 के बीच पांच साल के शासनकाल के दौरान बनाई गई 3 मस्जिदों में से एक है। अन्य दो मस्जिदों में एक पानीपत की मस्जिद है और दूसरी अयोध्या में ध्वस्त हो चुकी बाबरी मस्जिद थी।
संभल आज के समय में मुस्लिम बाहुल्य शहर है, लेकिन हिंदू शास्त्रों में इसका अलग उल्लेख मिलता है। कहा जाता है कि घोर कलयुग के समय में यहां भगवान विष्णु के एक अवतार कल्कि प्रकट होंगे। वही कलयुग का अंत करके नए युग की शुरुआत करेंगे। संभल के मौजूदा हालात में इसकी चर्चा इसलिए कि दावा होता रहा है कि संभल में जहां जामा मस्जिद बनी है, वो एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई। 1527-28 में बाबर के सेनापति ने श्री हरिहर मंदिर को आंशिक रूप से ध्वस्त किया था।
07:20 IST, November 25th 2024