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पब्लिश्ड 22:28 IST, January 4th 2025

UP: कानपुर में सालों से बंद मंदिर खुलवाने पर बवाल, माहौल बिगाड़ने के आरोप पर मेयर बोलीं- कार्रवाई नहीं रुकेगी, जो करना है...

UP के कानपुर में मुस्लिम क्षेत्रों में बंद पड़े बंद मंदिरों को खोलने का विवाद गहराने लगा है। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने महापौर पर सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया।

Reported by: Digital Desk
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(गौरव त्रिवेदी)

उत्तर प्रदेश के कानपुर में मुस्लिम क्षेत्रों में बंद पड़े बंद मंदिरों को खोलने का विवाद गहराने लगा है। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देकर महापौर पर शहर का सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया है। महापौर प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा लगाए गए सौहार्द बिगाड़ने की बात का खुलकर विरोध करते हुए कहा कि अब कानूनी कार्रवाई होगी और मंदिरों में जिन्होंने कब्जा किया है, उनको जेल भिजवाऊंगी। मैं अपना लेटर मंडलायुक्त और पुलिस कमिश्नर को भेज रही हूं। अब वो बताएंगे कि कैसे मंदिर खाली होंगे। मंदिर हर हाल में ढूंढकर रहूंगी, जिसको जो करने बने वो कर ले।

दरसल, उलमा अहले सुन्नत मशावर्ती बोर्ड में लिए गए फैसले के तहत एक ज्ञापन पुलिस कमिश्नर को सौंपा गया है, जिसमें उन्होंने अपील की है कि बंद मंदिरों में हिंदू आबादी नहीं है, ऐसे में दूसरे एरिया से मूर्ति की पूजा करने के लिए लोग आएंगे, तो हो सकता है कि कोई पत्थर फेंक दे, इससे शहर का माहौल बिगड़ सकता है। ज्ञापन में लिखा गया कि मेयर साहिबा की नियत पर कोई सवाल नहीं उठाया है। वो सभी धर्मों की मेयर हैं। 1991 एक्ट में ये बात क्लीयर है कि जो पहले की यथास्थिति है, वो कायम रहें। बाबरी मस्जिद फैसले में भी ये कहा गया कि जो पहले की स्थितियां उनको बरकरार रखा जाए। कानपुर शहर गणेश शंकर विद्यार्थी और मौलाना हसरत मोहानी की धरती है। उसी तरह से हमको यहां रहना चाहिए। मुस्लिम क्षेत्र में मंदिरों में पूजा करने के लिए हम पैसे दे देते थे। उनके देहांत के बाद अब वो मंदिर बंद है।

मुस्लिम धर्मगुरुओं के आरोप पर क्या बोलीं मेयर प्रमिला पांडेय?

इसे लेकर मेयर प्रमिला पांडेय ने कहा, “मुस्लिम धर्मगुरुओं ने जो ज्ञापन दिया है, मुझे उनसे कोई लेनादेना नहीं है। मैं जो भी काम करती हूं सोच-समझ कर करती हूं। पूजा अधिनियम के तहत आजादी से पहले जो मंदिर हैं, वो उन्हीं स्थिति में बने रहेंगे। अब मैं कानूनी कार्रवाई करूंगी। नगर निगम में मौजूद पंचशाला से मैंने 125 मंदिर जो दर्ज है, उसको निकलवाया है। कोई भी ये एक्ट नहीं कहता कि किसी के धर्म के साथ खिलवाड़ करो। लेकिन कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं सौहार्द बिगाड़ना चाहती हूं, उनसे मैं कहना चाहती हूं कि मेरे किसी भगवान का हाथ काट दिया, किसी का गला काट दिया। शिव का अर्घा तक हटा दिया। ये किसी कानून के तहत है। अब जिन लोगों ने मेरे मंदिरों को तोड़ा है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगी और जेल भी भिजवाऊंगी। हाल ही में लुधौरा में जो मंदिर खुलवाया, उसमें मूर्तियों को किस तरह से खंडित किया गया है, ये सभी ने देखा है। किसी मस्जिद में कोई हिंदू किरायेदार है। हमारे मंदिरों में मूर्ति तोड़ने का काम किसने किया। हमारी मूर्ति बनी रहती, वो भी बने रहते, मूर्ति तोड़ने का काम किसने किया। शिवाला में 7 मुस्लिम रहते हैं। मैं अब मुकदमा कायम कराऊंगी। मैंने जो मंदिर ढूढ़ा है, वहां कभी अष्टधातु की मूर्तियां थी, उनकी करोड़ों में कीमत थी।”

मंदिर की जमीन पर चमड़े की फैक्ट्री लगा दी जाए, ये किस एक्ट में लिखा?

महापौर ने कहा कि मैं तो बस इतना चाहती हूं कि 125 मंदिर ढूंढकर उनकी साफ-सफाई कराकर चाबी प्रशासन को सौंप दूंगी। मुझे जिस दिन वो मंदिर मिल जाएगा, जिस दिन सभी मंदिर में मूर्तियां खंडित न हो, उसी दिन उस मंदिर में पूजा शुरू करा दूंगी। ये किस एक्ट में लिखा है, मंदिर की जमीन पर चमड़े की फैक्ट्री लगा दी जाए। अब मैं कानूनी सहारे के साथ काम करूंगी। अच्छा है वो पुलिस के पास गए, मैं भी अपना लेटर मंडलायुक्त और पुलिस कमिश्नर के यहां भी जा रहा है। जो लोग  सौहार्द बिगाड़ने की बात कह रहे हैं। हम हिंदू-मुस्लिम कैंची की दोधार हैं। एक धार गड़बड़ाएगी तो वो ठीक नहीं है। मंदिर हर हाल में ढूंढकर रहूंगी, जिसको जो करने बने वो कर ले।

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अपडेटेड 22:29 IST, January 4th 2025