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Published 18:41 IST, August 19th 2024

'UN इस मामले को देखे, भारत को बांग्लादेश के साथ वार्ता करनी चाहिए', बोले स्वामी विजयेंद्र सरस्वती

Shankaracharyas on Republic: पहली बार सभी शंकराचार्य रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के प्रबंध निदेशक और प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी के साथ एक मंच पर आए।

Reported by: Digital Desk
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Swami Vijayendra Saraswati
Swami Vijayendra Saraswati | Image: Republic

Shankaracharyas on Republic: पहली बार सभी शंकराचार्य रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के प्रबंध निदेशक और प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी के साथ एक मंच पर आए। शंकराचार्य ने अपनी आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि और दृष्टिकोण पेश करते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहराई से अपने विचार रखे।

इस दौरान कांची मठ के शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती ने बांग्लादेश को लेकर चर्चा की और UN और भारत को इस मामले में वार्ता करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि UN को इस मामले को गंभीरता से देखना चाहिए और भारत को भी बांग्लादेश से वार्ता करनी चाहिए, जिससे हिंदुओं की रक्षा की जा सके।

क्या बोले स्वामी विजयेंद्र सरस्वती?

स्वामी विजयेंद्र सरस्वती ने कहा- 'बांग्लादेश पहले प्राचीन भारत का ही एक अंग था। देश के विभाजन के कारण जो रक्तपात हुआ, हत्या हुई, उसको लेकर परमाचार्य जी चिंतित थे। इसको लेकर भविष्य में कोई कष्ट न हो, उन्होंने उपवास की प्रक्रिया शुरू की। रविवार को शाम 6 बजे के बाद कोई भी आहार लेना बंद कर दिया। जो बांग्लादेश है, उसमें ब्रिटिश लोगों ने ईस्ट बंगाल करके जो देश बनाया था, विभाजन के बाद ईस्ट पाकिस्तान हुआ, उसको लेकर परमाचार्य जी ने बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि महिलाओं को जो कष्ट हुआ, उसको हमें अलग नहीं रखना चाहिए। उसे हमें हिंदू समाज में शामिल करना चाहिए। जिसने भी संघर्ष में मदद किया, उसको सम्मान मिलना चाहिए। बाद में हमने सिलीगुड़ी में प्रणव मुखर्जी और तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह के साथ संपर्क किया और डाकेश्वरी जाने का प्रस्ताव किया। दोनों ने इसका समर्थन किया और इसकी व्यवस्था भी की। इसके बाद परमाचार्य ने वहां जाकर चंडी हवन किया। '

'बांग्लादेश के साथ हमारा पुराना रिश्ता'

शंकराचार्य ने कहा कि आज के बांग्लादेश के साथ हमारा पुराना रिश्ता है। आयुर्वेद का है, शक्तिपीठ का है। सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से बांग्लादेश हमारे लिए अहम है। हिंदुओं के लिए ये गौरव का स्थान है, प्यार का स्थान है। इसलिए हम बिना द्वेष के वहां के लोगों के लिए सोच रहे हैं। जैसे भारत में आज स्किल डेवलपमेंट हो रहा है, वैसे वहां भी भारत की ओर से हो सकता है। कानूनी रूप से वहां के लोगों की सुरक्षा हो सकती है। पहले वहां 27 प्रतिशत हिंदु थे, अब 9 प्रतिशत हैं। उन सभी की सुविधा के लिए काम होना चाहिए। डाकेश्वरी की कृपा से वहां जल्द से जल्द शांति हो। पाकिस्तान में जो हिंदु हैं, वो भी रामेश्वरम आएं। यहां के अल्पसंख्यकों को भारत हर सुविधा दे रहा है, ऐसे में बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए भी सुविधा होनी चाहिए। भारत सरकार से हम अनुरोध करते हैं कि वहां जल्दी से जल्दी शासन और व्यवस्था के साथ कदम उठाएं, जिससे वहां के हिंदुओं की सुरक्षा हो।

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Updated 18:41 IST, August 19th 2024