Published 09:10 IST, September 25th 2024
तिरुपति लड्डू विवाद: आंध्र-प्रदेश HC में आज सुनवाई, YSRCP ने की है जांच के लिए कमेटी बनाने की मांग
तिरुपति मंदिर में लड्डू प्रसादम में पशु की चर्बी के इस्तेमाल का मामला तूल पकड़ लिया है। आंध्र-प्रदेश हाई कोर्ट में आज मामले पर सुनवाई होगी।
Tirupati Laddu controversy: तिरुपति मंदिर में लड्डू प्रसादम में पशु की चर्बी के इस्तेमाल का मामला तूल पकड़ लिया है। इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग हो रही है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट से लेकर आंध्र-प्रदेश हाई कोर्ट तक पहुंच गया है। हाई कोर्ट में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आरोपों की जांच के लिए कमेटी बनाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। कोर्ट में याचिका पर बुधवार, 25 सितंबर के सुनवाई होगी।
बता दें कि सीएम चंद्रबाबू नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि पिछली YSR कांग्रेस सरकार में तिरुपति मंदिर में प्रसादम के रूप में मिलने वाले लड्डू को बनाने के लिए जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल मिला गया था। इसके ठीक एक दिन बाद TDP ने गुजरात की एक लैब की रिपोर्ट को दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि होने का दावा किया था। इसके बाद यह मामला पूरे देश में आग की तरह फैल गई।
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका
श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में लड्डू प्रसादम में पशु की चर्बी के इस्तेमाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित किए जाने की याचिका में मांग की गई है। जनहित याचिका हिन्दू सेना के अध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव की ओर से दाखिल की गई है। वहीं, BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। उन्होंने भी कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है।
CM चंद्रबाबू नायडू का बड़ा दावा
इस बीच सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि तिरुपति लड्डुओं में पशु चर्बी की मिलावट के आरोपों के बाद सरकार भावी कदम के बारे में संतों, पुजारियों और हिंदू धर्म के अन्य शीर्ष विशेषज्ञों से परामर्श करेगी। परामर्श के बाद सरकार तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के संबंध में अपना निर्णय लेगी जो तिरुपति स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का आधिकारिक संरक्षक है।
पुजारी ने भी घी में मिलावट की पुष्टि की
तिरुपति प्रसादम विवाद पर तिरुमाला मंदिर के पूर्व पुजारी रमण दीक्षितुलु ने कहा था कि प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गाय के घी में बहुत सारी अशुद्धियां थीं और उसकी गुणवत्ता भी खराब थी। मैंने कई साल पहले इस पर ध्यान दिया था। मैंने इसे संबंधित अधिकारियों और ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष के सामने रखा था। लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की। किसी ने भी मेरी शिकायत पर अमल नहीं किया।
Updated 09:10 IST, September 25th 2024