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पब्लिश्ड 20:34 IST, January 13th 2025

जबरन वसूली मामले में समय पर कार्रवाई से बीड के सरपंच की जान बच जाती: शरद पवार गुट के नेता

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता बजरंग सोनावणे ने बीड जिले के एक गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या की जांच पर सोमवार को सवाल उठाए।

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Bajrang Sonawane
Bajrang Sonawane | Image: Facebook

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता बजरंग सोनावणे ने बीड जिले के एक गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या की जांच पर सोमवार को सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस द्वारा समय पर कार्रवाई की गई होती तो उनकी जान बच जाती। उन्होंने कहा कि निलंबित किए गए पुलिस निरीक्षक को संबंधित जबरन वसूली मामले में आरोपी बनाया जाना चाहिए।

बीड से सांसद सोनावणे ने पत्रकारों से कहा कि जबरन वसूली मामले में पुलिस द्वारा समय पर कार्रवाई की गई होती तो मासजोग गांव के सरपंच देशमुख की जान बच सकती थी।

देशमुख का नौ दिसंबर को अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई। महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता धनंजय मुंडे के सहयोगी वाल्मीक कराड को जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है। सीआईडी ​​ने अब तक हत्या के मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि एक व्यक्ति अब भी फरार है।

सोनावणे ने कहा, “हत्या की ओर ले जाने वाली घटनाएं पिछले वर्ष 28 मई को शुरू हुईं, जब रमेश घुले और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ जबरन वसूली का मामला दर्ज किया गया था। लेकिन घुले को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया और जमानत दे दी गई, जबकि अज्ञात आरोपी को कभी नहीं पकड़ा गया।”

उन्होंने दावा किया कि आरोपियों ने 29 नवंबर, 2024 को अवाडा कंपनी के एक कर्मचारी से वसूली की रकम मांगी थी। वे पैसे के लिए छह दिसंबर को कंपनी के परिसर में पहुंचे और 11 दिसंबर को जबरन वसूली का मामला (कराड के खिलाफ) दर्ज किया गया। रांकपा (शरदचंद्र पवार) ने कहा कि अगर पुलिस ने पहले कार्रवाई की होती तो संतोष देशमुख जिंदा होते।

सोनावणे ने उस पुलिसकर्मी को जबरन वसूली के मामले में आरोपी बनाने की मांग की, जो आरोपियों के अवाडा कंपनी के परिसर में पहुंचने पर कथित रूप से मौजूद था और जिसे निलंबित कर दिया गया है।

सोनावणे ने दावा किया कि पुलिस ने मृतक सरपंच के भाई धनंजय देशमुख से उस समय झूठ बोला था, जब वह अपहरण की शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जब धनंजय थाने गए तो उन्हें बताया गया कि उनका भाई कुछ ही मिनटों में आ जाएगा लेकिन बाद में संतोष देशमुख का शव मिला।

नेता ने पूछा कि पुलिस को शव के बारे में कैसे पता चला? सांसद ने आरोप लगाया कि जबरन वसूली के मामले में एक आरोपी ने पूर्व संरक्षक मंत्री से उनके बंगले पर मुलाकात की थी। सोनावणे ने सवाल किया कि पुलिस ने उस व्यक्ति को कैसे जाने दिया और किसने उसकी मदद की।

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अपडेटेड 20:34 IST, January 13th 2025