पब्लिश्ड 11:16 IST, August 20th 2024
'लड़कियों को ...इच्छा पर नियंत्रण रखना चाहिए', कहकर HC ने किया था आरोपी को बरी; अब SC ने फैसला पलटा
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें किशोरियों को अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखने को कहा गया था।
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें किशोरियों को अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखने को कहा गया था। देश की सबसे बड़ी अदालत ने पश्चिम बंगाल के एक रेप मामले में अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को पलटा है, जिसमें रेप के आरोपी को बरी कर दिया गया है। फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय ने आरोपी की दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए कहा है कि विशेषज्ञों की कमेटी सजा को लेकर फैसला करेगी।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के एक मामले में सुनवाई करते हुए सलाह दी थी कि लड़कियों को अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए और दो मिनट के सुख के फेर में नहीं पड़ना चाहिए। हाईकोर्ट की इस टिप्पणी के बाद दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट इन टिप्पणियों पर संज्ञान लिया था और खुद सुनवाई शुरू की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि न्यायाधीशों से फैसले लिखते समय उपदेश देने की अपेक्षा नहीं की जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी टिप्पणी की थी कि हाईकोर्ट के फैसले से गलत संकेत मिले हैं। मामले में हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति चित्त रंजन दाश और पार्थ सारथी सेन की खंडपीठ ने एक आरोपी को बरी कर दिया था, जिसे नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने का दोषी ठहराया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी की दोषसिद्धि को बहाल किया
आज सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी की दोषसिद्धि को बहाल कर दिया और कहा कि विशेषज्ञों की एक समिति उसकी सजा पर फैसला करेगी। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने सुनाया फैसला है और आरोपी को बरी करने के हाईकोर्ट के निर्णय को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि अदालतों को फैसले कैसे लिखने चाहिए। वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी और अधिवक्ता आस्था शर्मा पश्चिम बंगाल राज्य की ओर से पेश हुए, जिसने भी हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी।
अपडेटेड 11:16 IST, August 20th 2024