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Published 16:59 IST, November 27th 2024

Punjab में पराली जलाने की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई: रिपोर्ट

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को एक रिपोर्ट के माध्यम से बताया गया है कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है।

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पंजाब में पराली जलाने में आई कमी | Image: AI

Punjab News: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को एक रिपोर्ट के माध्यम से बताया गया है कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है एनजीटी ने पहले राज्य के अधिकारियों से पराली जलाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में होने वाले वायु प्रदूषण के मुद्दे पर नियमित रिपोर्ट मांगी थी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक द्वारा 26 नवंबर को दाखिल एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘पंजाब राज्य द्वारा किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप पराली जलाने की घटनाओं की संख्या 25 नवंबर, 2023 को 36,551 से घटकर 25 नवंबर, 2024 को 10,479 रह गई है, यानी इसमें 70 प्रतिशत की कमी आई है।’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष में लगभग एक करोड़ 95 लाख टन धान की पराली का प्रबंधन विभिन्न तरीकों से किए जाने की उम्मीद है, जिसमें ‘इन-सीटू’ तकनीक (खेत में पराली का प्रबंधन) और ‘एक्स-सीटू’ (विभिन्न उपयोगों के लिए पराली का परिवहन) तरीके और पशुओं के चारे के लिए अवशेष का उपयोग करना शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में 62 लाख टन से अधिक धान की पराली का प्रबंधन ‘एक्स-सीटू’ विधियों के माध्यम से किया गया।

इसमें कहा गया है, ‘‘विभाग यह सत्र समाप्त होने के बाद वर्ष 2025 के लिए ‘इन-सीटू’ और ‘एक्स-सीटू’ तंत्र की आवश्यकता का पता लगाने के लिए एक अंतर विश्लेषण करेगा। इस अंतर विश्लेषण के आधार पर 2025 के लिए वार्षिक कार्य योजना तैयार की जाएगी और अपेक्षित धनराशि का अनुरोध किया जाएगा।’’ 

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Updated 16:59 IST, November 27th 2024