पब्लिश्ड 11:00 IST, July 18th 2024
तलवार से छोटा, बाघ के पंजे जैसा लुक... अफजल का सीना चीरने वाला शिवाजी का 'वाघ नख' लंदन से आया मुंबई
शिवाजी ने 1659 में बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को मारने के लिए 'वाघ नख' का इस्तेमाल किया था। जो बाघ के पंजे जैसा दिखता है।
Shivaji Maharaj Wagh Nakh: छत्रपति शिवाजी महाराज जिस वाघ नख को इस्तेमाल किया करते थे अब भारत पहुंच चुका है, जैसे-जैसे 19 तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे महाराष्ट्र के सतारा में तैयारियां जोरों पर है। क्योंकि यह एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण हथियार है, जिसे शिवाजी ने अफजल खान के वध में इस्तेमाल किया था, अब भारतीय जनता के लिए यह सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगा। बताया जाता है कि शिवाजी ने 1659 में बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को मारने के लिए 'वाघ नख' का इस्तेमाल किया था।
अफजल खान ने गले लगते हुए अचानक शिवाजी को मारने के लिए उनपर हमला किया था, जिसके बाद शिवाजी ने भी तुरंत अपना वाघ नख निकाला और वाघ नख की तेज धारों ने अफजल को गंभीर रूप से घायल कर जीत हासिल की। शिवाजी महाराज का यह हथियार लंबे वक्त तक विदेश में संग्रहालयों और निजी संग्रहकर्ताओं के पास रहा। इस ऐतिहासिक धरोहर को भारत लाने के लिए कई सालों तक सरकार और इतिहासकारों ने लगातार कोशिश की और आखिरकार अब महाराष्ट्र सरकार को इसे सौंप दिया गया है।
बुलेट प्रूफ कवर में रखा जाएगा 'वाघ नख'
महाराष्ट्र के आबकारी मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा है कि 'वाघ नख का सतारा में भव्य स्वागत किया जाएगा। साथ ही लंदन के एक संग्रहालय से लाए जाने वाले इस हथियार में बुलेट प्रूफ कवर होगा। सात महीने के लिए सतारा के एक संग्रहालय में रखा जाएगा।'
बाघ के पंजे की तरह दिखता है 'वाघ नख'
बाघ नख एक अनोखा और खतरनाक हथियार है, जो एक बाघ के पंजे की तरह दिखता है। इसे धातु से बनाया गया है और इसमें तेज धार वाले नाखून होते हैं, जो दुश्मन को गंभीर रूप से घायल कर सकते हैं। यह हथियार भारतीय मार्शल आर्ट में भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसे शिवाजी की वीरता और राजनीतिक कौशल का प्रतीक माना जाता है।
ऐसे हुआ वाघ नख का इस्तेमाल
शिवाजी महाराज और अफजल खान के बीच एक राजनीतिक मुलाकात की योजना बनाई गई थी। इस मुलाकात का उद्देश्य बातचीत के माध्यम से विवाद को सुलझाना था। जिसके बाद अफजल खान ने सोचा कि यह मुलाकात शिवाजी को मारने का एक अच्छा अवसर होगा।
वाघ नख की तेज धारों ने अफजल को किया घायल
शिवाजी महाराज ने अपनी सुरक्षा के लिए वाघ नख को अपनी अंगुलियों में छिपा कर रखा था, और वाघ नख को खास तौर पर छिपाने के लिए भी तैयार किया गया था, ताकि कोई उसे देख न सके। जब शिवाजी महाराज और अफजल खान गले मिलने लगे, तब अफजल खान ने शिवाजी को मारने के लिए अपने हथियार का इस्तेमाल किया, तो शिवाजी ने भी तुरंत प्रतिक्रिया करते हुए, अपने वाघ नख से अफजल खान पर हमला कर दिया। वाघ नख की तेज धारों ने अफजल खान को गंभीर रूप से घायल कर दिया।
शिवाजी की योजना में शामिल रहता था वाघ नख
शिवाजी महाराज के सैनिक जो पास ही थे, उन्होंने तुरंत अफजल खान के सैनिकों पर हमला किया और उन्हें पराजित कर दिया। इस प्रकार, शिवाजी महाराज ने अपनी कुशलता और साहस दिखाते हुए संकटपूर्ण स्थिति को भी संभाला और जीत भी हासिल की। इस घटना ने शिवाजी महाराज की राजनीतिक सूझबूझ और वीरता को और भी ज्यादा प्रतिष्ठित कर दिया। जिसके बाद वाघ नख उनका माइक्रोप्लान और युद्ध कौशल का प्रतीक बन गया।
शिवाजी महाराज संग्रहालय में रखा जाएग
यह बाघ नख अब मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा, जहां इसे देखने के लिए देश भर से लोग आएंगे। इस ऐतिहासिक हथियार को देखकर लोग शिवाजी महाराज की वीरता और संघर्ष की कहानियों को और भी जीवंतता से महसूस कर सकेंगे। भारत में बाघ नख की वापसी न सिर्फ इतिहास प्रेमियों के लिए, बल्कि हर भारतीय के लिए गर्व और खुशी का विषय है। यह एक ऐसा अवसर है जो हमें हमारे महान योद्धाओं की विरासत को संजोने और उनके साहस को सलाम करने का मौका देता है।
छत्रपति शिवाजी ने किया था वाघ नख का इस्तेमाल
महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि, 'छत्रपति शिवाजी ने इस बाघ के पंजे के आकार का हथियार ‘वाघ नख’ का इस्तेमाल किया था, बुधवार को लंदन के एक संग्रहालय से इसे मुंबई लाया गया है। इस वाघ नख को अब पश्चिम महाराष्ट्र के सतारा ले जाया जाएगा, जहां 19 जुलाई से इसका प्रदर्शन किया जाएगा।'
बता दें सतारा के संरक्षक मंत्री देसाई ने जिले के छत्रपति शिवाजी संग्रहालय में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी। जिसके बाद उन्होंने कहा कि 'महाराष्ट्र में वाघ नख का लाया जाना प्रेरणादायक क्षण है और इसका सतारा में भव्य स्वागत किया जाएगा।'
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अपडेटेड 11:00 IST, July 18th 2024