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पब्लिश्ड 23:01 IST, December 17th 2024

संभल के कई स्मारकों का होगा सर्वे, 18 दिसंबर को 4 सदस्यीय ASI की टीम का दौरा

Sambhal ASI Survey: संभल में हुई हिंसा के बाद 18 दिसंबर को ASI की 4 सदस्यीय टीम वहां पहुंचने वाली है। कई स्मारकों का सर्वे किया जाएगा।

Reported by: Digital Desk
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संभल ASI सर्वे | Image: Republic

उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद इलाके में भड़की हिंसा के बाद ASI की टीम 18 दिसंबर, बुधवार को फिर से लखनऊ से यहां पहुंचने वाली है। जानकारी के अनुसार चार सदस्यों की ASI टीम लखनऊ से संभल सुबह 10 बजे पहुंच जाएगी। ASI टीम में उत्खनन एवं अन्वेषण अधिकारी, सहायक पुरातत्व अधिकारी, सर्वेक्षक रहेंगे।

बता दें, ASI की टीम पहले DM आफिस जाएगी फिर प्राचीन मंदिर पहुचेगी। ASI की टीम कार्तिकेय महादेव मंदिर पहुंचेगी। 46 साल बाद प्रशासन ने कार्तिकेय महादेव मंदिर के ताले खुलवाए। संभल के खग्गू सराय मोहल्ले में कार्तिकेय महादेव मंदिर स्थित है।

इन अधिकारियों की टीम पहुंचेगी संभल

  1. राम विनय, उत्खनन एवं अन्वेषण अधिकारी, पुरातत्व निदेशालय, लखनऊ।
  2. डॉ० कृष्ण मोहन दुबे, सहायक पुरातत्व अधिकारी, पुरातत्व निदेशालय, लखनऊ।
  3. अनिल कुमार सिंह, सर्वेक्षक, पुरातत्व निदेशालय, लखनऊ।
  4. हिमांशू सिंह, आ०सो० कर्मचारी, पुरातत्व निदेशालय, लखनऊ।

संभल में कुएं की खुदाई के दौरान मिली 3 मूर्तियां

संभल में अतिक्रमण के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान मिले प्राचीन शिव मंदिर से जुड़ी एक और बड़ी खबर आई। मंदिर में कुएं की खुदाई के दौरान तीन मूर्तियां मिली हैं। प्रतिमा भगवान गणेश, कार्तिकेय और माता पार्वती की बताई जा रही है। संभल के खग्गू पुरा में 46 साल बाद खोले गए मंदिर के पास कुएं की खुदाई के दौरान यह मूर्तियां मिली है। खुदाई करीब 15-20 फुट तक की गई है।

कुएं की खुदाई के दौरान मिलीं मूर्तियां

संभल में मिले इस मंदिर में 16 दिसंबर को सोमवार के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिव मंदिर में दर्जन के लिए पहुंचे। इस दौरान भक्तों ने भोलेनाथ का जलाभिषेक किया और पूजा अर्चना भी की। इस बीच ही मंदिर के पास बने कुएं की खुदाई भी की गई। खुदाई के दौरान ही कुएं से यह मूर्तियां मिली। प्रतिमा 20 फीट गहरे गड्ढे में से मिली हैं। इन प्रतिमाओं को फिलहाल पुलिस को सौंप दिया गया है।

मंदिर पर लिखा- प्राचीन संभलेश्वर महादेव

इससे पहले सोमवार (16 दिसंबर) को सुबह 1978 से बंद इस मंदिर को खोलने के बाद इसका नाम "प्राचीन संभलेश्वर महादेव" रखा गया। इसके साथ ही मंदिर की दीवारों पर ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘हर हर महादेव’ भी लिखे गए। इस दौरान भक्तों ने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया और मंत्रोच्चारण के साथ आरती की।

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अपडेटेड 23:01 IST, December 17th 2024