पब्लिश्ड 20:51 IST, January 26th 2025
अस्पताल पहुंचते ही फौरन 25 लाख का मेडीक्लेम अप्रूवल, 4 दिन का बिल 36 लाख; सैफ अली खान पर हमले में अब नया टर्न
जब सैफ लीलावती अस्पताल में एडमिट हुए और उनका इलाज शुरू हुआ उसी वक्त उनकी बीमा पॉलिसी के तहत कैशलेस उपचार के लिए 25 लाख रुपये तुरंत अप्रूवल आ गया।
Saif Ali Khan Stabbing: बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर हुआ जानलेवा हमले का मामला अब पेचीदा होता जा रहा है। एक तरफ आरोपी की शक्ल और उसकी उंगलियों की निशान मैच नहीं हो रहे तो दूसरी तरफ फॉरेंसिक रिपोर्ट्स भी कुछ गड़बड़ी की तरफ इशारा कर रहे हैं। इस बीच अब सैफ अली खान के ट्रीटमेंट पर भी सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में सैफ का हॉस्पिटल का एडमिशन फॉर्म सामने आया था। अब सैफ के चक्कर में बीमा कंपनी भी कटघरे में आ गई है।
दरअसल हुआ ये कि जब सैफ लीलावती अस्पताल में एडमिट हुए और उनका इलाज शुरू हुआ उसी वक्त उनकी बीमा पॉलिसी के तहत कैशलेस उपचार के लिए 25 लाख रुपये तुरंत अप्रूवल आ गया। आपको बता दें, सैफ अली खान 4 दिन अस्पताल में थे और उनका 36 लाख का बिल आया है। अब सवाल ये है कि बीमा कंपनी ने इतनी जल्दी एक्टर को 25 लाख का अप्रूवल कैसे दे दिया? इसे लेकर एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट्स (AMC) ने IRDAI को लेटर लिखा है। इस लेटर में लीलावती अस्पताल में एक्टर के कैशलेस ट्रीटमेंट के लिए 25 लाख रुपये के अप्रूवल पर सवाल उठाए हैं।
आम आदमी के अप्रूवल में कागजी खानापूर्ती फिर भी होती है देरी
आम व्यक्ति के मामले में हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ज्यादा तेजी से काम नहीं करती है और अप्रूवल के लिए भी कागजी कार्रवाई को पहले पूरा किया जाता है। तब भी शुरुआत में 30 से 40 हजार रुपए की अप्रूव होते हैं। इसके अलावा अगर मामला जानलेवा हमले के बाद अस्पताल में भर्ती होने का हो तो बीमा कंपनियों की तरफ से एफआईआर की कॉपी मांगी जाती है। ये एक नॉर्मल प्रोसेस का हिस्सा है। लेकिन सैफ अली खान के केस में ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या इंश्योरेंस कंपनी ने सैफ अली खान के सेलिब्रिटी होने के कारण उनके साथ स्पेशल रवैया अपनाया?
AMC ने लेटर में क्या लिखा
एसोसिएशन ने अपने लेटर में सवाल उठाते हुए लिखा है कि सैफ अली खान सेलिब्रेटी हैं और क्या इसलिए बीमा कंपनी ने उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट दिया है? सर्जरी और 4 दिनों तक एडमिट होने का इतना भारी बिल कैसे आ गया? और इसे तुरंत अप्रूवल कैसे मिल गया? एसोसिएशन का कहना है कि अगर सैफ की जगह कोई आम इंसान होता तो कंपनी ने रीजनेबल और कस्टमरी चार्ज लागू किया होता और क्लेम नहीं दिया होता।
AMC ने उठाई जांच की मांग
एसोसिएशन के बयान में यह भी कहा गया है कि यह एक परेशान करने वाला उदाहरण है, जहां पॉपुलर हस्तियों को बीमा कंपनियां उच्च कैशलेस इलाज की सीमाएं प्रदान करती हैं। वहीं, आम आदमी अपर्याप्त कवर की कमी का सामना करता है। संगठन का मानना है कि इस तरह की घटना समाज में अनुचित असमानता को पैदा करती है। डॉक्टरों के संगठन का कहना है कि बीमा कंपनियों को सभी ग्राहकों को मेडिक्लेम अप्रूवल उचित ढंग से देना चाहिए। डॉक्टरों के संगठन ने अपने पत्र में आईआरडीएआई से मामले में जांच करने की मांग की है।
अपडेटेड 20:51 IST, January 26th 2025