Published 08:18 IST, September 3rd 2024
Kolkata: CBI के शिकंजे में फंसे प्रिंसिपल संदीप घोष, किन धाराओं में गिरफ्तारी...क्या हो सकती है सजा?
RG कर अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने संदीप घोष के प्रिंसिपल रहते हुए संस्थान में कई मामलों में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत दर्ज कराई थी।
Sandip Ghosh Arrest News: कोलकाता कांड की जांच कर रही सीबीआई ने सोमवार (2 सितंबर) को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर बड़ा एक्शन लिया। 15 दिन और 150 घंटे की पूछताछ के बाद CBI ने भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके साथ तीन और लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
CBI ने संदीप घोष पर कई धाराएं लगाई हैं, जिसके तहत उन्हें उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
9 अगस्त को कोलकाता में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष लगातार रडार पर थे। सीबीआई बीते 15 दिनों से उनसे लगातार सवाल-जवाब कर रही थीं।
हाई कोर्ट ने CBI को सौंपा जांच का जिम्मा
RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने संदीप घोष के प्रिंसिपल रहते हुए संस्थान में कई मामलों में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप लगाए गए थे कि संदीप घोष लावारिस लाशों को बेचने समेत कई अवैध गतिविधियों में शामिल थे। इसकी जांच पहले कोलकाता पुलिस कर रही थी। बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने जांच को अपने जिम्मे लिया।
CBI ने संदीप घोष से पूछताछ के अलावा भ्रष्टाचार के मामले में बीते दिनों उनके आवास सहित 15 करीबियों के यहां छापे मारे थे। इसके अलावा घोष का पॉलीग्राफी टेस्ट भी हो चुका है।
संदीप घोष के अलावा इन 3 लोगों की हुई गिरफ्तारी
सोमवार को मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए CBI की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने डॉ. संदीप घोष और 3 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया। इसमें दो वेंडर बिप्लव सिंह और सुमन हजारा के अलावा संदीप घोष के अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी अफसर अली भी शामिल हैं।
किन धाराओं में गिरफ्तारी और क्या हो सकती है सजा?
संदीप घोष के खिलाफ 19 अगस्त को कोलकाता पुलिस ने IPC की धारा 120B, 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद जांच CBI ने जांच अपने हाथ में ली। इन धाराओं के तहत ही बीते दिन संदीप घोष की गिरफ्तारी हुई है। मामले में कोलकाता की तीन निजी संस्थाएं- मां तारा ट्रेडर्स, ईशान कैफे और खामा लौहा भी आरोपी हैं।
मामलों में सजा की बात की जाए तो धारा 120B के तहत दो साल से अधिकतम उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। वहीं धारा 420 में अधिकतम 7 साल की सजा हो सकती है और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 6 महीने से 5 साल की सजा दी जा सकती है।
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Updated 08:18 IST, September 3rd 2024