sb.scorecardresearch

पब्लिश्ड 12:24 IST, January 26th 2025

Republic Day 2025: एक साथ 5 हजार कलाकार और... कर्तव्य पथ पर पहली बार दिखा ऐसा नजारा, PM मोदी भी ताली बजाने लगे

Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस परेड के दौरान 5 हजार कलाकार एक साथ कर्तव्य पथ पर अपनी प्रस्तुति पेश करने आए। उसके पहले यहां सेना ने शक्ति प्रदर्शन किया।

Reported by: Digital Desk
Follow: Google News Icon
  • share
Kartavya Path 5 thousand artist performance, PM Narendra Modi clapped
Kartavya Path 5 thousand artist performance, PM Narendra Modi clapped | Image: Video Grab

Republic Day 2025: अलग-अलग संगीत, अलग ही राज्यों के कलाकार, लेकिन प्रस्तुति एक साथ और एक जैसी... गणतंत्र दिवस समारोह में कर्तव्य पथ पर पहली बार ऐसा नजारा देखा गया है। यहां 5 हजार कलाकारों ने एक साथ अपनी कला का प्रदर्शन किया है। गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कलाकार यहां अपनी प्रस्तुति पेश करने आए। उसके पहले यहां सेना ने अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाया तो अलग-अलग राज्यों और मंत्रालयों की झांकियां निकाली गईं। हालांकि 5 हजार कलाकारों की एक साथ प्रस्तुति ने कर्तव्य पथ पर बैठे सभी लोगों का ध्यान खींचा।

5 हजार कलाकर जब प्रस्तुति के लिए आए तो पूरा कर्तव्य पथ कलाकारों से भर गया। सिर्फ सलामी मंच के सामने ही नहीं, बल्कि पूरे कर्तव्य पथ के किसी भी छोर पर खड़े होकर इस प्रस्तुति को देखा गया। अलग-अलग संगीत और गीतों पर 5 हजार कलाकारों ने एक साथ प्रस्तुति पेश की, जो अपने आप में बहुत ही कठिन काम होता है। ये देखकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ताली बजा रहे थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी अपना हाथ हिलाते हुए इन कलाकारों का उत्साह बढ़ा रही थीं, जबकि तमाम केंद्रीय मंत्री खड़े होकर इन कलाकारों के लिए तालियां बजा रहे थे।

कर्तव्य पथ पर उतरी ब्रह्मोस मिसाइल की टुकड़ी

भारतीय सेना ने कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस परेड में अपनी अत्याधुनिक उन्नत तकनीकों का प्रदर्शन किया। अपनी मिसाइलों और हथियार प्रणालियों के प्रदर्शन के साथ ही 344 मिसाइल रेजिमेंट की ब्रह्मोस मिसाइल की टुकड़ी का नेतृत्व कैप्टन सूरज सिंह ने किया। ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक, उच्च परिशुद्धता वाली क्रूज मिसाइल है, जो 400 किलोमीटर की अपनी प्रभावशाली रेंज के लिए प्रसिद्ध है। इस मिसाइल में दुश्मन के इलाके में अंदर तक घुसकर बेजोड़ सटीकता और विनाशकारी प्रभाव के साथ हमला करने की अद्भुत क्षमता है। 344 मिसाइल रेजिमेंट ब्रह्मोस बिरादरी की सबसे युवा इकाई है, जिसे 2015 में इसके पहले कमांडिंग ऑफिसर कर्नल जय प्रकाश सिंह के नेतृत्व में स्थापित किया गया था। रेजिमेंट ने अपने छोटे लेकिन प्रभावशाली इतिहास में कई मील के पत्थर और 'पहली बार' हासिल किए हैं।

यह भी पढ़ें: राष्ट्रपति की बग्गी एक विशेष गाड़ी, पाकिस्तान से टॉस से भारत को मिली, क्या है इसका इतिहास-महत्व और खासियतें

स्वदेशी रॉकेट सिस्टम पिनाका की झलक

301 रॉकेट रेजिमेंट (पिनाका) से स्वदेशी रॉकेट प्रणाली- 'पिनाका मल्टी लॉन्चर रॉकेट सिस्टम' की टुकड़ी का नेतृत्व लेफ्टिनेंट तुषार तोमर ने किया। इसे स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है और इसका नाम भगवान शिव के पौराणिक धनुष के नाम पर रखा गया है। पिनाका में अपार विनाशकारी शक्ति और लंबी दूरी की सटीकता का उदाहरण है। दुनिया भर में सबसे उन्नत रॉकेट प्रणालियों में से एक के रूप में पूरी तरह से स्वचालित 214 मिमी पिनाका एमएलआरएस बैटरी 44 सेकंड में 75 किमी तक के लक्ष्य पर 72 रॉकेट दाग सकती है। 301 रॉकेट रेजिमेंट, जिसे 5 दिसंबर 1959 को 30 हेवी मोर्टार रेजिमेंट के रूप में स्थापित किया गया था, के पास वीरता और व्यावसायिकता की समृद्ध विरासत है।

कर्तव्य पथ पर अग्निबाण

122 मिमी मल्टीपल बैरल रॉकेट लॉन्चर, दुर्जेय बीएम-21 अग्निबाण 1970 के दशक से भारतीय तोपखाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इस प्रभावशाली प्रदर्शन का नेतृत्व 213 रॉकेट रेजिमेंट के कैप्टन मनोज चोनियाल ने किया। अपनी विनाशकारी मारक क्षमता के लिए मशहूर BM-21 अग्निबाण ने कई अभियानों में अपनी उपयोगिता साबित की है। खास तौर पर 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान, जब महज 20 सेकंड में 40 रॉकेट दागने की इसकी क्षमता ने उच्च ऊंचाई वाली चोटियों पर दुश्मन के ठिकानों को बेअसर करने में अहम भूमिका निभाई थी। 40 किलोमीटर तक की रेंज के साथ, यह दुश्मन के ठिकानों, लॉजिस्टिक्स हब और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति बनी हुई है। शुरुआत में यूराल-3750 ट्रक प्लेटफॉर्म पर लगाए गए BM-21 में एक महत्वपूर्ण अपग्रेड किया गया, जो स्वदेशी रूप से विकसित अशोक लीलैंड सुपर स्टैलियन प्लेटफॉर्म पर परिवर्तित हो गया।

कर्तव्य पथ पर राष्ट्रपति ने झंडा फहराया

इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया, उसके बाद स्वदेशी हथियार प्रणाली 105-एमएम लाइट फील्ड गन का उपयोग करके 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान हुआ। विशेष रूप से इस साल भारत ने गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो को आमंत्रित किया है। समारोह की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि दी।

यह भी पढ़ें: गणतंत्र दिवस समारोह में कौन था पहला मुख्य अतिथि, कैसे और क्यों होता है राजकीय मेहमान का चयन

अपडेटेड 12:28 IST, January 26th 2025