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Published 09:36 IST, December 18th 2024

Sambhal: शादी न हो तो यहां नहाने की मान्यता, अकाल मृत्यु भी नहीं; संभल में मिले कुएं को लेकर दावा!

Sambhal Temple: संभल के खग्गू सराय इलाके में तकरीबन 4 दिन पहले प्रशासन को एक मंदिर मिला। मंदिर के बगल में ही कुएं का पता चला।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Dalchand Kumar
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reopened Shiv-Hanuman Temple in Sambhal
reopened Shiv-Hanuman Temple in Sambhal | Image: R Bharat

Sambhal Mandir: उत्तर प्रदेश के संभल में मंदिरों के मिलने का सिलसिला चल रहा है। प्रशासन की टीम संभल के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में अभियान चला रही है, जहां एक के बाद एक मंदिर सामने आ रहे हैं। कहीं मंदिर के आसपास अवैध निर्माण हैं तो कहीं मंदिर के कुएं पाट जा चुके हैं। फिलहाल प्रशासन अवैध निर्माण हटा रहा है। दबे हुए कुएं खोद रहा है तो इसी बीच खग्गू सराय इलाके में मिले कुएं के रहस्यों को लेकर खुलासा हुआ है।

संभल के खग्गू सराय इलाके में तकरीबन 4 दिन पहले प्रशासन को एक मंदिर मिला। इलाके में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा था, तभी मंदिर का पता चला और ये एक शिवमंदिर था। जब मंदिर को खोला गया तो इसमें शिवलिंग के साथ हनुमान की मूर्तियां थी। पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में मंदिर की सफाई कराई गई। मंदिर के पास एक कुआं मिला, जिसकी खुदाई के दौरान कई मूर्तियां मिलीं। अभी इसी मंदिर के एक पुराने ने कुएं को लेकर कई तरह के दावे किए हैं।

पुजारी ने खोले मंदिर के पास मौजूद कुएं के रहस्य

मंदिर के पुजारी ने रिपब्लिक भारत से बात करते हुए बताया कि एएसआई की टीम जब यहां आएगी तो पता लगेगा की शिवलिंग और बजरंगबली की प्रतिमा कितनी पुरानी है और मंदिर कितना प्राचीन है। पुजारी ने बताया कि मंदिर के पास निकले कुएं की मान्यता लोगों में आस्था का प्रतीक है। कुएं का जल जिसे 1978 के समय अमृत बोला जाता था, उससे कई रोगों का निवारण होता था। मंदिर के पुजारी का दावा है कि जिन लोगों की शादी नहीं होती थी वो लोग इस कुएं के जल से नहाकर अपनी मान्यताएं यहां पर पूर्ण करते थे। प्रशासन जब इस कुएं की ओर खुदाई कराएगा तो संभवत कुएं से जल और दिव्य अमृत निकलेगा। पुजारी ने ये भी दावा किया है कि कुएं के जल को ग्रहण कर अकाल मृत्यु नहीं होती थी।

मंदिर में 46 साल बाद पूजा पाठ

स्थानीय लोग बताते हैं कि ये मंदिर 1978 के बाद से बंद है। नगर हिंदू सभा के संरक्षक विष्णु शरण रस्तोगी ने पुष्टि की कि मंदिर 46 सालों से बंद था, जिसका मुख्य कारण यहां कोई पुजारी न होना था। कथित तौर पर 1978 से बंद मंदिर को स्थानीय पुलिस और प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत 14 दिसंबर को फिर से खोला गया। संभल के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीश चंद्र बताते हैं कि मंदिर के पास एक कुएं के पास तीन मूर्तियां मिलीं। ये टूटी हुई मूर्तियां हैं जो कुएं की खुदाई के दौरान मिली थीं। इसमें भगवान गणेश की एक मूर्ति है। दूसरी मूर्ति भगवान कार्तिकेय की प्रतीत होती है, अधिक जानकारी मांगी जा रही है। कुएं में मलबा और मिट्टी थी। जब इसे खोदा गया तो मूर्तियां मिलीं। क्षेत्र को सुरक्षित कर दिया गया है ताकि खुदाई सुचारू रूप से हो सके।

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Updated 10:43 IST, December 18th 2024