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Published 13:52 IST, October 1st 2024

Sonam Wangchuk: कौन हैं रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता सोनम वांगचुक? जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया

सोनम वांगचुक को पुलिस हिरासत में लेने के बाद देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। विपक्ष उनके समर्थन पर उतर आया है।

Reported by: Rupam Kumari
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Sonam Wangchuk
सोनम वांगचुक | Image: @X

सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) को पुलिस हिरासत में लेने के बाद देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। विपक्ष केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर हमलावर है। कांग्रेस से लेकर AAP तक सोनम के समर्थन में उतर आई है। इस बीच दिल्ली सीमा पर हिरासत में लिए गए सोनम ने पुलिस थाने पर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया जहां उन्हें रखा गया है। उनके साथ करीब 120 लोगों को भी हिरासत में ले लिया। सभी ने केंद्र सरकार के फैसले के विरोध थाने में ही अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है।

बता दें कि लद्दाख (Ladakh) को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी तक मार्च करने वाले जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक सहित लद्दाख के करीब 120 लोगों को दिल्ली पुलिस ने सोमवार को शहर की सीमा पर हिरासत में ले लिया है। वांगचुक समेत हिरासत में लिए गए लोगों को अलीपुर और शहर की सीमा से लगे अन्य पुलिस थानों में ले जाया गया है। जानकारी के मुताबिक सोनम वांगचुक को बवाना पुलिस स्टेशन में रखा गया है।

सोनम वांगचुक को क्यों पुलिस हिरासत में लिया?

देश की राजधानी दिल्ली में BNSS की धारा-163 लगाई गई है। शहर के कई इलाकों में अगले 6 दिनों तक ये धारा लागू रहेगी। इस दौरान धरना-प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है। इसे लेकर दिल्ली पुलिस ने सोनम वांगचुक को वापस जाने के लिए कहा, लेकिन जब वे नहीं रुके तो सीमा पर पहले से तैनात पुलिसकर्मियों ने वांगचुक समेत करीब 120 लोगों को हिरासत में ले लिया। उन्हें हिरासत में लेने के साथ ही सियासी बयानबाजी शुरू हो गई। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोनम वांगचुक को हिरासत मे लिए जाने को कार्यरतापूर्ण और अस्वीकार्य कार्रवाई बताया।

कौन है सोनम वांगचुक?

हम आपको बताते हैं कि कौन है जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक जिनके हिरासत में लेने से देश की राजनीति गरमा गई है। सोनम वांगचुक एक भारतीय इंजीनियर, शिक्षा सुधारक और पर्यावरण संरक्षक हैं। उन्हें साल 2018 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें यह पुरस्कार शिक्षा, संस्कृति और प्रकृति के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए दिया गया था। लद्दाख के लोगों के लिए वो हमेशा ही आवाज उठाते आ रहे हैं। लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर वो एक बार बर्फ के बीच धरना पर बैठ गए थे। सोशल मीडिया पर पर सोनम काफी एक्टिव रहते हैं। लद्दाख को लेकर उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर हैं। 

सोनम वांगचुक की क्या है मांग?

सोनम वांगचुक साल 2019 के बाद से लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर वो एक महीने पहले लेह से शुरू हुई ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ का नेतृत्व कर रहे है। पदयात्रा का आयोजन ‘लेह एपेक्स बॉडी’ द्वारा किया गया था, जो ‘करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस’ के साथ मिलकर पिछले चार साल से लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा दिए जाने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने, लद्दाख के लिए लोक सेवा आयोग के साथ ही शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करने और लेह एवं करगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटों की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रही है। बता दें कि लद्दाख पहले जम्मू-कश्मीर का हिस्सा था मगर अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश भी बना दिया था

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Updated 13:52 IST, October 1st 2024