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Published 07:05 IST, December 26th 2024

Rajasthan: 65 घंटों से बोरवेल में फंसी है 3 साल की चेतना, निकालने के तमाम प्लान फेल; अब रैट माइनर्स करेंगे मासूम का रेस्क्यू!

सोमवार दोपहर को चेतना खेलते हुए 150 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थीं। तब से उसे बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है, लेकिन अबतक कामयाबी नहीं मिली है।

Reported by: Ruchi Mehra
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chetna rescue operation
बच्ची को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी | Image: X, PTI

Kotputli Borewell Rescue Operation: राजस्थान के कोटपुतली में 3.5 साल की चेतना को अबतक बोरवेल से बाहर नहीं निकाला जा सका। मासूम की सांसें पिछले 65 घंटों से भी ज्यादा समय से 150 फीट गहरे बोरवेल में फंसी हुई है। बच्ची को निकालने के तमाम प्लान्स फेल होते नजर आ रहे हैं।

सोमवार (23 दिसंबर) को खेलते हुए चेतना 150 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी। इसके बाद से उसे बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। NDRF-SDRF के साथ तमाम टीमें बच्ची के रेस्क्यू में जुटी हैं। हालांकि बच्ची को बाहर निकालने में अबतक सफलता नहीं मिली है।

रेस्क्यू के लिए बुलाए गए रैट माइनर्स

सभी कोशिशों के फेल होने के बाद अब चेतना को बोरवेल से निकालने के लिए रैट माइनर्स को निकालने की तैयारी है। जी हां, वहीं रैट माइनर्स जिन्होंने सुरंग खोदकर उत्तराखंड के टनल में फंसे 41 जिंदगियां बचाई थीं। अब उनके जरिए बच्ची को बोरवेल से निकालने की कोशिश की जाएगी।

जानकारी के अनुसार बोरवेल में फंसी मासूम को निकालने के लिए 'रैट माइनर्स' की टीम को बुलाया गया है। उत्तराखंड में सफल ऑपरेशन करने के बाद अब उनसे लोगों की उम्मीदें बंधी हुई हैं। टीम गड्ढे से बोरवेल तक हॉरिजॉन्टल खुदाई कर सुरंग बनाएगी और इसके जदरिए बच्ची को बाहर निकालने की कोशिश की जाएगी।

'बच्ची को जल्द से जल्द बाहर निकालने की कोशिश'

रेस्क्यू ऑपरेशन पर कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने कहा, "हमारा ध्यान बचाव अभियान पर है और हम बच्ची को बाहर निकालना चाहते हैं। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को तुरंत (सोमवार को) बुलाया गया और उनके निर्देशानुसार बचाव अभियान चल रहा है। हम बच्ची को जल्द से जल्द बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं।"

अबतक सभी प्लान्स हुए फेल

गौरतलब है कि चेतना को बोरवेल से निकालने के लिए तमाम तरीके अपनाए गए। देसी जुगाड़ से हुक लगाकर बच्ची को 20 फीट ऊपर खींचा गया, लेकिन उससे ऊपर नहीं लाया जा सका। वहीं, बुधवार (25 दिसंबर) को सुबह पाइलिंग मशीन के जरिए बोरवेल के पास गड्ढा भी खोदने का काम शुरू हुआ, लेकिन 3 घंटे बाद खुदाई को रोक दिया गया।

इसके अलावा बच्ची को बोरवेल में पाइप के जरिए ऑक्सीजन भी पहुंचाई गई। हालांकि जगह कम होने की वजह से उसे कुछ भी अबतक खाने-पीने के लिए नहीं भेजा जा सका है। इसके अलावा बोरवेल में उतारे गए कैमरे से बच्ची की मूवमेंट पर भी नजर रखी जा रही है।

मां की बिगड़ी तबीयत

इधर, बच्ची के बोरवेल में फंसे होने से चेतना की मां की तबीयत लगातार बिगड़ रही है। बुधवार को रोते-रोते उनकी हालत खराब हो गई, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें ओआरएस का घोल पिलाया और दवाईयां भी लिखी।

जान लें कि यह घटना सोमवार दोपहर 2 बजे के आसपास की है, जब चेतना खेलते समय बोरवेल में गिर गई थी। घटना 2 बजे के आसपास की है। बोरवेल में गिरने के बाद बच्ची जोर से चिल्लाई, जिसके बाद परिजन दौड़े-दौड़े वहां पहुंचे। सूचना मिलते ही सरुंड थाना पुलिस के साथ जिला प्रशासन मौके पर पहुंचा और रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गया।

बीते दिनों ही राजस्थान के दौसा में 5 साल का आर्यन ऐसे ही गहरे बोरवेल में गिर गया था। उसे बचाने के लिए 55 घंटों तक अभियान चला, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। बच्चे को बचाया नहीं जा सका।

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Updated 07:05 IST, December 26th 2024