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Published 00:03 IST, December 1st 2024

राजस्थान : आगामी विधानसभा सत्र में जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिये विधेयक पेश करेगी सरकार

राजस्थान में BJP की सरकार जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में एक विधेयक पेश करेगी।

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Rajasthan Assembly Budget session begins
राजस्थान विधानसभा | Image: X

राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में एक विधेयक पेश करेगी।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने संवाददाताओं को बताया कि यह विधेयक आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा।

पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कुल नौ नीतियों को मंजूरी दी गई।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने राज्य में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में एक विधेयक लाने का फैसला किया है। विधेयक में एक साल से लेकर दस साल तक की सजा का प्रावधान है, जिसमें किसी व्यक्ति या समूह का जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर जुर्माना लगाया जा सकता है।’’

मंत्री ने कहा कि विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर कोई धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो उसे धर्म परिवर्तन से 60 दिन पहले जिलाधिकारी को इस संबंध में आवेदन देना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जिलाधिकारी यह जांच करेंगे और तय करेंगे कि यह जबरन धर्म परिवर्तन है या स्वेच्छा से।’’

मंत्री ने कहा कि यदि जिलाधिकारी को लगता है कि धर्म परिवर्तन जबरदस्ती या किसी प्रलोभन में नहीं किया गया है, तो आवेदक को अनुमति दे दी जाएगी।

उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में नयी एमएसएमई नीति, एक जिला एक उत्पाद नीति, पर्यटन इकाई नीति, खनन नीति और निवेश प्रोत्साहन योजना सहित नौ नीतियों को मंजूरी दी गई।

पटेल ने बताया कि बैठक में राज्य में औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाने, प्रदेश को निवेश हब बनाने, स्थानीय पर्यटन, छोटे उद्योगों, स्थानीय शिल्प एवं कारीगरी, हथकरघा एवं एक जिला एक उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान एमएसएमई नीति, निर्यात संवर्द्धन नीति, एक जिला एक उत्पाद नीति, राजस्थान पर्यटन इकाई नीति एवं एकीकृत क्लस्टर विकास योजना को मंजूरी दी गई।

उन्होंने बताया कि प्रलोभन अथवा कपटपूर्वक धर्मान्तरण के प्रयासों को रोकने के लिए “दि राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल-2024“ विधानसभा में लाया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि अभी राज्य में अवैध रूप से धर्मान्तरण को रोकने के सम्बन्ध में कोई विशेष कानून नहीं है, इसलिए मंत्रिमंडल की बैठक में विचार कर इसके प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

उन्होंने बताया कि इस विधेयक के कानून बनने के उपरान्त कोई व्यक्ति या संस्था, किसी व्यक्ति पर मिथ्या निरूपण, कपटपूर्वक, बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव आदि का प्रयोग कर धर्म परिवर्तन नहीं करवा सकेंगे। अगर कोई व्यक्ति अथवा संस्था ऐसा कृत्य करते हैं, तो उन्हें कठोर दण्ड दिया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन कराने के उद्देश्य से विवाह करता है, तो पारिवारिक न्यायालय ऐसे विवाह को अमान्य घोषित कर सकता है। इस विधेयक में अपराध गैर-जमानती व संज्ञेय होंगे। उन्होंने कहा कि अन्य कई राज्यों में जबरन धर्मान्तरण को रोकने के लिए पहले से ही कानून अस्तित्व में है।

उप मुख्यमंत्री बैरवा ने बताया कि मंत्रिमंडल ने भरतपुर और बीकानेर में विकास प्राधिकरणों के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है, इनके गठन के लिए भरतपुर विकास प्राधिकरण अध्यादेश-2024 और बीकानेर विकास प्राधिकरण अध्यादेश-2024 लाए जाएंगे। इन शहरों में विकास प्राधिकरण बनने से यहां विकास सुव्यवस्थित और नियोजित ढंग से हो सकेगा।

उन्होंने बताया कि नई पर्यटन इकाइयों को रिप्स-2024 के तहत स्टाम्प ड्यूटी, कन्वर्जन चार्ज और डेवलपमेंट चार्ज में छूट मिलेगी। ट्यूरिज्म एवं हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र को औद्योगिक दर्जा मिलने से यूडी टैक्स, बिजली दरें, और भवन प्लान शुल्क औद्योगिक दरों पर लागू होंगे। ट्रेड, होटल व रेस्टोरेंट लाइसेंस 10 वर्ष और फायर एनओसी तीन वर्ष के लिए जारी होगी।

उन्होंने बताया कि नयी खनिज नीति में राजस्व में बढ़ोतरी और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के उद्देश्य से निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने, खनिज ब्लॉक्स की प्री-एम्बेडेड अनुमतियों के साथ नीलामी, जनजातीय क्षेत्रों में बिड सिक्योरिटी आधी करने, और पोस्ट-ऑक्शन सेल को मजबूत बनाने के प्रावधान किए गए हैं।

पटेल ने बताया कि मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत नई एम-सेण्ड नीति में प्रदेश में एम-सेण्ड इकाइयों की स्थापना और बजरी के सस्ते विकल्प के रुप में एम-सेण्ड के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।

पटेल ने बताया कि अक्षय ऊर्जा के राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप वर्तमान अक्षय ऊर्जा नीति, बायोमास एवं वेस्ट टू एनर्जी नीति, ग्रीन हाइड्रोजन नीति के प्रावधानों तथा ऊर्जा भण्डारण के नवीन प्रावधानों को सम्मिलित करते हुए राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024 का अनुमोदन किया गया है।

उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरपालिकाओं के लिये 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इस आयोग की अवार्ड अवधि 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक होगी।

पटेल ने बताया कि मेट्रो रेल के विकास में तेजी लाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार के साथ 50-50 संयुक्त उद्यम कम्पनी अब केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सुझाव पर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के मध्य स्थापित की जाएगी

Updated 00:03 IST, December 1st 2024