Published 15:00 IST, December 21st 2024
रेल मंत्रालय ने कहा- भूमि अधिग्रहण बाधाओं के चलते बंगाल की परियोजनाओं में देरी
रेल मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि पश्चिम बंगाल में कई रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में महत्वपूर्ण देरी हुई है, जिसका मुख्य कारण भूमि अधिग्रहण में चुनौतियां हैं।
रेल मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि पश्चिम बंगाल में कई रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में महत्वपूर्ण देरी हुई है, जिसका मुख्य कारण भूमि अधिग्रहण में चुनौतियां हैं। मंत्रालय ने बयान में कहा कि वित्त पोषण में पर्याप्त वृद्धि हुई है और आवंटन 2009-14 के दौरान 4,380 करोड़ रुपये से तीन गुना बढ़कर 2024-25 में 13,941 करोड़ रुपये हो गया है। इसके बावजूद परियोजनाओं में देरी हो रही है।
बयान के मुताबिक एक अप्रैल, 2024 तक पश्चिम बंगाल में 43 रेलवे परियोजनाएं चालू थीं, जिनकी कुल लंबाई 4,479 किलोमीटर है और लागत 60,168 करोड़ रुपये है। ये परियोजनाएं पूरी या आंशिक रूप से पश्चिम बंगाल में हैं और पूर्वी रेलवे, दक्षिण पूर्वी रेलवे और पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के तहत आती हैं। इन परियोजनाओं में नयी लाइन बिछाने और आधुनिकीकरण का काम शामिल है।
मंत्रालय ने कहा कि इनमें से 1,655 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है और इस पर मार्च 2024 तक 20,434 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय हुआ। मंत्रालय ने कहा कि अधिग्रहण एक बड़ी बाधा है, क्योंकि कुल 3,040 हेक्टेयर की आवश्यकता में केवल 640 हेक्टेयर (21 प्रतिशत) का अधिग्रहण किया गया है। रेलवे राज्य सरकारों के माध्यम से अपनी परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण करता है।
Updated 15:00 IST, December 21st 2024