Published 19:51 IST, July 20th 2024
प्रेत कल्याणम- भारत के इस राज्य में होती है 'भूतों' की शादी, मर चुके लोग बनते हैं दुल्हा-दुल्हन
'प्रेत कल्याणम' कर्नाटक और केरल की एक प्रथा है। जिसमें मर चुके बच्चों की शादी होती है। हर रीति-रिवाजों का पालन होता है और हर रस्म को निभाया जाता है।
Ghost weddings: भारत को संस्कृतियों का देश कहा जाता है। हर धर्म, हर समुदाय और हर जगह के अलग-अलग रीति-रिवाज हैं। इसीलिए एक कहावत 'कोस-कोस पर पानी बदले, चार कोस पर वाणी' 'बाबा आदम के जमाने से चली आ रही है। इसका सीधा मतलब ये है कि भारत में हर 1.5 किलोमीटर की दूरी पर पानी का स्वाद और हर 6.5 किलोमीटर पर आम बोलचाल की भाषा बदल जाती है। ठीक ऐसे ही हमारे देश में शादियों के रीति-रिवाज भी बदल जाते हैं। ऐसी ही एक प्रथा है 'प्रेत कल्याणम', ये वो प्रथा है जिसमें मर चुके बच्चों की शादी होती हैं।
'प्रेत कल्याणम' कर्नाटक और केरल में लंबे समय से चली आ रही प्रथा है। जिसमें विवाह के हर रीति-रिवाजों का पालन होता है। शादी की हर रस्म को निभाया जाता है। हिंदू रीति-रिवाजों का पालन होता है, कुंडली बनाई जाती है, कुंडली का मिलान होता है, दोनों परिवार तैयारियां करते हैं, मेहमानों को भोजन कराया जाता है, लेकिन जिनकी शादी होती है वो मर चुके होते हैं। ये सुनने में भले थोड़ा अजीब है, लेकिन सच है। कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में इस तरह की शादियां होती हैं। जिसमें हर काम किसी भी सामान्य शादी की तरह होता है, लेकिन दूल्हा और दुल्हन शारीरिक रूप से मौजूद नहीं होते।
ऐसे होता है प्रेत कल्याणम
दक्षिणी कर्नाटक के जिले में इस प्रथा को निभाया जाता है। इसमें उन बच्चों की शादी कराई जाती है जो कम उम्र में मर जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। ऐसी शादियां केरल और कर्नाटक के कई हिस्सों में होती हैं। इस तरह के आयोजन को 'प्रेत कल्याणम' कहा जाता है। यह अनुष्ठान दोनों परिवार पुतलों के साथ करते हैं। दुल्हा-दुल्हन एक दूसरे को मालाएं पहनाते हैं। दुल्हन को गले में मंगलसूत्र बांधा जाता है और किसी भी नियमित शादी की तरह ही दावत होती है। इन शादियों में सगाई, वरमाला और फेरे जैसी हर रस्मों को निभाया जाता है। ऐसी ही एक शादी 2022 में भी हुई थी, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए थे।
प्रेत कल्याणम क्या है?
इस शादी में दूल्हा पक्ष वाले दुल्हन के लिए कपड़े भी लेकर आते हैं। कन्यादान भी होता है, दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद भी दिया जाता है। दुल्हन की विदाई के बाद दूल्हे के घर में गृह प्रवेश भी होता है। प्रेत कल्याणम केरल और कर्नाटक के कई समुदायों में प्रचलित है। कर्नाटक की सीमा से लगे गांवों में इसकी खासी मान्यता है। इस परंपरा में उन मृत बच्चों की शादी कराई जाती है जो जन्म लेते ही मर जाते हैं या फिर 18 साल की उम्र से पहले उनकी मौत हो जाती है। मान्यता है कि उनकी शादी करने से आत्माओं को शांति मिलती है परिवारों के लिए शांति और सौभाग्य लाते हैं।
Updated 19:51 IST, July 20th 2024