पब्लिश्ड 19:29 IST, January 25th 2025
Republic Day: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन, देशवासियों को दी शुभकामनाएं
Republic Day: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) देश को संबोधित किया।
Republic Day: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश को संबोधित किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर में आप सबको हार्दिक बधाई देती हूं। इस ऐतिहासिक अवसर पर आप सबको संबोधित करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, मैं, आप सबको हार्दिक बधाई देती हूं। आज से 75 वर्ष पहले, 26 जनवरी के दिन ही, भारत गणराज्य का आधार ग्रंथ यांनी भारत का संविधान, लागू हुआ था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इस वर्ष हम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहे हैं ऐसे अग्रणी स्वाधीनता सेनानियों में शामिल हैं जिनकी भूमिका को राष्ट्रीय इतिहास के संदर्भ में अब समुचित महत्व दिया जा रहा है। न्याय स्वतंत्रता समता और बंधुता केवल सैद्धांतिक अवधारणा नहीं है जिनका परिचय हमें आधुनिक युग में प्राप्त हुआ हो यह जीवन मूल्य तो सदा से हमारी सभ्यता और संस्कृति का अंग रहे हैं।
गणतंत्र मूल्य का प्रतिबिंब हमारे संविधान सभा की संरचना में- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत के गणतंत्र मूल्य का प्रतिबिंब हमारे संविधान सभा की संरचना में भी दिखाई देता है। उस सभा में सभी के सभी हिस्सों और सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व था। सबसे अधिक उल्लेखनीय बात यह है कि संविधान सभा में सरोजनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, सुचेता कृपलानी, हंसाबेन मेहता और मालती चौधरी जैसी 15 साधारण महिलाएं भी शामिल थी। पिछले 75 साल से संविधान ने हमारी प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया है। आज के दिन हम संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर सभा के अन्य प्रतिष्ठित सदस्यों संविधान के निर्माण से जुड़े विभिन्न अधिकारियों और ऐसे अन्य लोगों के प्रति अपनी प्रतियोगिता व्यक्त करते हैं जिनके कठिन परिश्रम के फल स्वरुप हमें यह विलक्षण ग्रंथ प्राप्त हुआ।
भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व के आर्थिक परिदृश्य को प्रभावित कर रही- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारे किसान भाई बहनों ने कड़ी मेहनत की है और हमारे देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है। हमारे मजदूर भाई-बहनों ने अथक परिश्रम करके हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का कायाकल्प कर दिया है उनके शानदार प्रदर्शन के बल पर आज भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व के आर्थिक परिदृश्य को प्रभावित कर रही है। हाल ही के वर्षों में आर्थिक विकास की दर लगातार ऊंची उठ रही है, हमारे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं, किसानों और मजदूरों के हाथों में अधिक पैसा आया है तथा बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकल गया है। साहसिक और दूरदर्शी आर्थिक सुधारों के बल पर आने वाले वर्षों में प्रगति की रफ्तार बनी रहेगी।
सरकार ने जनकल्याण को नई परिभाषा दी है- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
उन्होंने कहा कि यह भी एक महत्वपूर्ण बदलाव है कि सरकार ने जनकल्याण को नई परिभाषा दी है, जिसके अनुसार आवास और पेयजल जैसी बुनियादी जरूरत को अधिकार माना गया है। वंचित वर्गों के लिए विशेष रूप से अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों की सहायता के लिए सभी प्रयास किया जा रहे हैं। अनुसूचित जनजाति समुदायों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए विशेष योजना बनाई गई है, इनमें धरती आभा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान और प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान पीएम जनमन शामिल है। विमुक्त घुमंतू और अर्ध घुमंतु समुदाय के विकास के लिए विकास एवं कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है।
अपडेटेड 19:29 IST, January 25th 2025