अपडेटेड 5 August 2024 at 20:49 IST
गरीब मुसलमान वक्फ संपत्तियों के विनियमन को पारदर्शी बनाने की लगातार मांग कर रहे हैं : रीजीजू
किरेन रीजीजू ने सोमवार को कहा कि वक्फ संपत्तियों के नियमन को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए आम मुसलमानों द्वारा लगातार मांग की जा रही है।
- भारत
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सरकार द्वारा वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन के लिए संसद में विधेयक पेश किए जाने की संभावना के बीच, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को कहा कि वक्फ संपत्तियों के नियमन को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए आम मुसलमानों द्वारा लगातार मांग की जा रही है।
हालांकि, उन्होंने पत्रकारों के साथ अपनी संक्षिप्त बातचीत के दौरान विधेयक पर कोई टिप्पणी नहीं की। हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दिये गए इस विधेयक को अबतक संसद में पेश नहीं किया गया है।
रीजीजू ने कहा, ‘‘लंबे समय से गरीब और आम मुसलमानों, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, की ओर से वक्फ संपत्तियों को अधिक पारदर्शी और कार्यकुशल बनाने के लिए लगातार मांग की जा रही है।’’
सरकार वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में संशोधन करने के लिए संसद में एक विधेयक लाने वाली है ताकि इनके कामकाज में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके तथा इन संस्थाओं में महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
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वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करने वाला विधेयक वक्फ बोर्ड के लिए अपनी संपत्तियों का वास्तविक मूल्यांकन सुनिश्चित करने को लेकर जिलाधिकारियों के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य कर देगा। देश में 30 वक्फ बोर्ड हैं। सूत्रों ने बताया कि सभी वक्फ संपत्तियों से प्रति वर्ष 200 करोड़ रुपये का राजस्व आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह वक्फ के पास मौजूद संपत्तियों की संख्या के अनुरूप नहीं है।
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Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 5 August 2024 at 20:49 IST