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Published 18:42 IST, November 10th 2024

'क्या सैफई में नाच-गाना फिजूलखर्ची...?', महाकुंभ की व्यवस्थाओं में सपा के ऐतराज पर भड़का संत समाज

महामंडलेश्वर नवल किशोर जी ने कहा कि मैं अखिलेश यादव जी आपसे पूछना चाहता हूं कि सफाई में नाच गाना फिजूलखर्ची नहीं था?

Reported by: Ravindra Singh
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महाकुंभ की व्यवस्थाओं में सपा के ऐतराज पर भड़का संत समाज | Image: PTI / Facebook

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियां जोर-शोर से चल रहीं है। 13 जनवरी मकर संक्रांति के दिन आयोजित किए जाए वाले महाकुंभ को लेकर प्रयागराज में बड़ा आयोजन किया जा रहा है जिसको लेकर सूबे का विपक्षी सियासी दल समाजवादी पार्टी आए दिन कुंभ में हो रहे खर्च को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के सामने अलग-अलग तरीकों से ऐतराज खड़े कर रही है। साल 2013 में अखिलेश यादव जब यूपी के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने कहा था कि महाकुंभ में इतना फिजूलखर्ची किस बात के लिए? और अब उनकी पत्नी डिंपल यादव ने महाकुंभ में गैर हिन्दू दुकानदारों के प्रतिबंधिति किए जाने पर सवाल खड़ा किया है। समाजवादी पार्टी के महाकुंभ पर ऐतराज को लेकर संत समाज ने नाराजगी जताई है और सपा की सरकारों में हुए आयोजनों पर सवाल भी खड़ा किया है।


महामंडलेश्वर नवल किशोर जी ने कहा कि मैं अखिलेश यादव जी आपसे पूछना चाहता हूं कि सफाई में नाच गाना फिजूलखर्ची नहीं था? उन्होंने आगे कहा कि आपको राजनीति नहीं करनी आती है तो बताओ हम सिखाएंगे, लेकिन अपनी राजनीति के चक्कर में सनातन को मत लाओ महाकुंभ हमारी धार्मिक आस्था है तो इसमें आप बीच में न आए तो बेहतर होगा। इस बार महाकुंभ 2025 के लिए उत्तर प्रदेश के प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। इस बार महाकुंभ मेले में अखाड़ा परिषद ने महाकुंभ मेले के दौरान गैर-हिंदू दुकानदारों की खान-पान की दुकानें नहीं लगाए जाने का अनुरोध किया है।

 

महाकुंभ की व्यवस्थाओं में सपा के ऐतराज पर भड़का संत समाज, Photo- Facebook


डिंपल यादव के बयान से साधु-संत नाराज

संत समाज की इस मांग पर मैनपुरी से सपा सांसद और पूर्वमुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने कहा था कि धर्म के आधार पर किसी चीज को बांटना अनुचित है। डिंपल यादव के इस बयान पर अखाड़ा परिषद ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा, 'डिंपल यादव को ऐसे बयानों से बचना चाहिए। उनका ये बयान अखाड़ा परिषद के लिए दुखद है वो खुद उत्तराखंड से हैं और वहां के लोग महाकुंभ में शामिल होने के लिए आते हैं। अगर उत्तराखंड के जंगलों में तप करने वाले साधु-संतों को कोई गंदी चीजें खिलाएगा तो ये बर्दाश्त किया जाएगा? इसी वजह से हमने गैर सनातनियों को खाने-पीने की दुकान न देने की मांग की है।


अखिलेश यादव ने बताया था फिजूलखर्ची

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने इसे फिजूलखर्ची बताया था। अखिलेश यादव कहना था कि सरकार ने महाकुंभ के आयोजन पर अत्यधिक खर्च किया, जबकि इसका वास्तविक उद्देश्य समाज के लाभ के बजाय सिर्फ दिखावा और फिजूलखर्ची था। अखिलेश यादव ने यह भी कहा था कि कुंभ मेला जैसे आयोजनों में राज्य सरकार का ध्यान सिर्फ बड़ी तामझाम और प्रचार पर केंद्रित है, जबकि समाज के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं बीजेपी समर्थक इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे धार्मिक आयोजन से जुड़ी भावनाओं का सम्मान करने के रूप में देखते हैं।


मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम?

वहीं उत्तराखंड के ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी महाकुंभ में गैर हिन्दुओं के प्रवेश पर रोक लगाए जाने की मांग का समर्थन किया है। वाराणसी में मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए शंकराचार्य स्वामी ने कहा था, 'मुस्लिम धर्म का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल मक्का - मदीना के 40 किलोमीटर पहले ही हिंदुओं को रोक दिया जाता है। मक्का में जाने से रोकने पर मुस्लिम कहते हैं कि ये मुस्लिमों को तीर्थ है, यहां तुम्हारा क्या काम है? तो ठीक है। कुंभ भी हमारा है तो यहां पर तुम्हारा क्या काम है?'

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Updated 18:46 IST, November 10th 2024