Published 19:10 IST, May 3rd 2024
शिवसेना में शामिल हुए संजय निरुपम, बोले- 'ऊपर वाले ने आदेश दिया...'
Maharashtra News: CM एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में संजय निरुपम शिवसेना में शामिल हो गए।
Maharashtra News: CM एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में संजय निरुपम शिवसेना में शामिल हो गए। उन्होंने कहा- 'ऊपर वाले ने आदेश दिया है कि शिंदे जी का हाथ मजबूत करो, जितने भी Shivsena के Candidate हैं, उनको जीतना है।'
'कांग्रेस में लोग सिर्फ टिप्पणी करना जानते हैं'
संजय निरुपम ने कहा- 'कांग्रेस में रहकर बालासाहेब के विचारों पर जो काम करने का अवसर मिला यह अच्छी बात थी। कांग्रेस में लोग सिर्फ टिप्पणी करना जानते हैं। कांग्रेस में होगा वही जो राहुल गांधी चाहेंगे। ऊपर वाले से मुझे आदेश मिला कि शिंदे को समर्थन देना है। पूरे तन और बल के साथ शिंदे जी को और उनका समर्थन दूंगा। हर एक उम्मीदवार के लिए जड़ से काम किया जाएगा। शिवसेना के तीनों उम्मीदवार और महायुति के सभी छह उम्मीदवारों को जिताना है। बालासाहेब ठाकरे के विचारों को साथ लेकर हाथ में भगवा लेकर अब काम करना है।'
एकनाथ शिंदे ने कही ये बात
महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने कहा- 'संजय जी आप शिवसेना के लिए काम करो, NDA के लिए काम करो। संजय निरुपम का हम पार्टी में स्वागत करते हैं। निरुपम सहित सभी पार्टी कार्यकर्ता का शिव सेना में स्वागत है। ''संजय निरुपम मतलब कांग्रेस" हमेशा से यही समीकरण रहा है। बालासाहेब ठाकरे ने निरुपम को दो बार राज्यसभा का मौका दिया। आज वापस संजय निरुपम शिवसेना में आए हैं और मुझे इस बात की बेहद खुशी है। निरुपम में चुनाव को लेकर "मुझे क्या मिल रहा है" ऐसी कोई भावना नहीं है।'
कौन हैं संजय निरुपम?
संजय निरुपम ने 1990 के दशक में पत्रकारिता छोड़कर राजनीति में एंट्री ली थी। वो अविभाजित शिवसेना के हिंदी मुखपत्र मुंबई स्थित 'दोपहर का सामना' के संपादक थे। उनके काम से प्रभावित होकर शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने उन्हें 1996 में राज्यसभा भेजा। जब शिवसेना मुंबई के उत्तर भारतीय मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश कर रही थी, तब निरुपम उसका फायरब्रांड चेहरा बनकर उभरे। हालांकि, उन्हें तब झटका लगा जब 2005 में उन्हें राज्यसभा सदस्य के रूप में पद छोड़ने के लिए कहा गया। बाद में मतभेद उभरे, नतीजन 2005 में निरुपम ने शिवसेना छोड़ दी और फिर कांग्रेस में चले गए।
Updated 19:18 IST, May 3rd 2024