Published 15:51 IST, December 25th 2024
संघ प्रमुख मोहन भागवत के समर्थन में उतरे राम बिलास वेदांती, कहा- अयोध्या मिल गया अब मस्जिदों मे मंदिर ढूंढना बंद करो...
राममंदिर आंदोलन से जुडे रहे पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान का समर्थन किया है।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर चिंता व्यक्त की है। संघ प्रमुख के बयान पर देश भर में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। इसी बीच राममंदिर आंदोलन से जुडे रहे पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान का समर्थन किया है।
राम बिलास वेदांती ने कहा मोहन भागवत के भाषण का मैने समर्थन किया था। हम सबने निर्णय लिया था कि हमें तीन मंदिर चाहिए, अयोध्या, मथुरा और काशी। अयोध्या मिल गया, मथुरा का मामला अदालत में है और काशी भी साबित हो जाएगा। लेकिन अब जब पीएम मोदी ने सबका साथ-सबका विकास की बात कही है तो अब मंदिरों को अन्य जगहों पर ढूंढना बंद करो। अब मस्जिदों मे मंदिर ढूंढना बंद करो, अब देश मे शांति बनी रहनी चाहिए।
संघ प्रमुख मे क्या कहा?
मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर बनने के बाद कुछ लोगों को ऐसा लग रहा है कि वह ऐसे मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि नए विवाद स्वीकार्य नहीं है।
मंदिर-मस्जिद विवादों पर क्या बोले मोहन भागवत?
RSS प्रमुख ने सहजीवन व्याख्यानमाला में ‘भारत-विश्वगुरु’ विषय पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कई मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर चिंता व्यक्त की। मोहन भागवत ने समावेशी समाज की वकालत करते हुए कहा कि हमें दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि देश सद्भावना के साथ एक साथ रह सकता है।
उन्होंने कहा, "वहां राम मंदिर होना चाहिए और वास्तव में ऐसा हुआ है। यह हिंदुओं की श्रद्धा का स्थान है, लेकिन हर दिन तिरस्कार और दुश्मनी के लिए नए मुद्दे उठाना ठीक नहीं है। इसका समाधान क्या है? हमें दुनिया को दिखाना चाहिए कि हम सद्भाव से रह सकते हैं, इसलिए हमें अपने देश में थोड़ा प्रयोग करना चाहिए। हमारे देश में विभिन्न संप्रदायों और समुदायों की विचारधाराएं हैं।"
'सद्भावना का मॉडल बनाने की जरूरत...'
मोहन भागवत ने आगे कहा, ‘‘लंबे समय से हम सद्भावना से रह रहे हैं। अगर हम दुनिया को यह सद्भावना प्रदान करना चाहते हैं, तो हमें इसका एक मॉडल बनाने की जरूरत है।"
उन्होंने कहा, ‘‘हर दिन एक नए मामले को उठाया जा रहा है। इसकी अनुमति कैसे दे सकते है? यह सब जारी नहीं रह सकता। भारत को यह दिखाने की जरूरत है कि हम सब एक साथ रह सकते हैं।’’
भागवत आगे यह भी बोले कि बाहर से आए कुछ समूह अपने साथ कट्टरता लाए और वह चाहते हैं कि उनका पुराना शासन वापस आ जाए। देश अब संविधान के अनुसार चलता है। इस व्यवस्था में लोग अपने प्रतिनिधि चुनते हैं और वो सरकार चलाते हैं। अधिपत्य के दिन चले गए।
RSS प्रमुख ने कहा कि यह तय किया गया था अयोध्या में राम मंदिर हिंदुओं को दिया जाना चाहिए, लेकिन तब अंग्रेजों को इसकी भनक लग गई और उन्होंने दोनों समुदायों में दरार पैदा कर दी। तब से ही अलगाववाद की भावना अस्तित्व में आई और इसके परिणामस्वरूप, पाकिस्तान भी अस्तित्व में आया।
(इनपुट- पीटीआई)
Updated 15:51 IST, December 25th 2024