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पब्लिश्ड 18:39 IST, December 31st 2024

नए साल में 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर क्या होगा? कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दिया बड़ा हिंट

नए साल में दो मुद्दे सबसे ज्यादा सियासी गलियारों में गूंजने वाले हैं उनमें एक है 'वन नेशन वन इलेक्शन' और दूसरा है यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी UCC।

Reported by: Deepak Gupta
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Law Minister Arjun Ram Meghwal
Law Minister Arjun Ram Meghwal | Image: ANI

नए साल में दो मुद्दे सबसे ज्यादा सियासी गलियारों में गूंजने वाले हैं उनमें एक है 'वन नेशन वन इलेक्शन' और दूसरा है यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी UCC। इन दोनों ही मुद्दों को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सरकार की आगामी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया है।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल UCC और वन नेशन, वन इलेक्शन पर कहा कि बीजेपी ने संकल्प पत्र जारी किया था, UCC संकल्प पत्र का पार्ट रहा है। हमे लगता है संभव है, उसे हम संकल्प पत्र में लेते हैं। वन नेशन, वन इलेक्शन पर जेपीसी की पहली बैठक 8 जनवरी को है। नए साल की शुरुआत से ही वन नेशन, वन इलेक्शन का विषय रहेगा।

देश हित है 'वन नेशन वन इलेक्शन'- अर्जुन राम मेघवाल

कानून मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी देशहित में निर्णय लेते हैं, ये देशहित में लिए लिया जाने वाला निर्णय है। इसमें हमने बहुत कदम आगे बढ़ाएं हैं,  इससे फेडरल स्ट्रक्चर को चोट नहीं आएगी। मतदाता के अधिकार में इससे कोई कटौती नहीं होगी। राज्यों के अधिकारों में कटौती नहीं होगी, संघीय ढांचा जैसा है, वैसा ही रहेगा। वो (विपक्षी पार्टियां) भी चाहते हैं, वन नेशन, वन इलेक्शन साथ हो जाएं। कांग्रेस के जमाने में ये कालचक्र टूटा है, लेकिन जनता और दल भी इसे चाह रहे हैं। इससे किसी दल को कोई नुकसान नहीं है। 
कई दलों को लग रहा है, एकसाथ चुनाव होंगे तो बड़े दल को ज्यादा वोट मिल जाएंगे। उन्होंने कहा कि टीचर्स और पुलिस कहीं ना कहीं किसी ना किसी रूप में चुनाव में लगे रहते हैं। इससे सरकार और विकास कार्य प्रभावित होते हैं। वन नेशन, वन इलेक्शन से भारत जल्द विकसित होगा। राज्यों के विधानसभा चुनाव अलग-अलग होने के सवाल पर कहा केंद्रीय मंत्री ने कहा कि  जब प्रावधान हो जाएगा तो चुनाव एक साथ ही होंगे।

हम चाहते हैं कि सदन सुचारू रूप से चले- कानून मंत्री

कांग्रेस के साथी दलों ने कहा, ये (कांग्रेस का मुद्दा) मुद्दा हमारा मुद्दा नहीं, समाजवादी पार्टी ने कहा सपा का तो संभल मुद्दा है, टीएमसी ने कहा उनका तो बांंग्लादेश मुद्दा है। इसमें विभाजन हो गया तो कांग्रेस को लगा रणनीति फेल हो गई। तो कांग्रेस ने हमें संविधान पर चर्चा का ऑफर दिया था, जिसे हमने स्वीकार कर लिया था। उन्होंने गृहमंत्री का 10 सेकेंड का बयान तोड़-मरोड़कर पेश कर नया मुद्दा लेकर आएं। संविधान पर चर्चा की डिमांड कांग्रेस की थी और वो खुद ही इस मुद्दे पर घिर गए। देश और जनता समझ गई, सबसे ज्यादा बाबा साहब का अपमान जीते-जी कांग्रेस ने किया। हम सत्र चलाना ही चाहते थे, वो ही हल्ला करना चाहते थे, हम तो चाहेंगे सत्र चले। हाउस ढंग से चले हम ये ही चाहते हैं, लेकिन ये कांग्रेस पर ज्यादा निर्भर करता है। 

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अपडेटेड 18:39 IST, December 31st 2024