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पब्लिश्ड 19:21 IST, December 19th 2024

अंबेडकर विवाद में कूदीं मायावती, कहा-बाबा साहब के अनुयायी ना भूलेंगे, जैसे कांग्रेस के कुकृत्यों...

मायावती ने शाह के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके बयान से बाबा साहेब की गरिमा और अस्तित्व को ठेस पहुंची है। साथ ही कांग्रेस को आड़े हाथ लिया है।

Reported by: Priyanka Yadav
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अंबेडकर विवाद में कूदीं मायावती, कहा-बाबा साहब के अनुयायी ना भूलेंगे, जैसे कांग्रेस के कुकृत्यों...
अंबेडकर विवाद में मायावती | Image: अंबेडकर विवाद में मायावती

Mayawati on Amit Shah and Congress : गृहमंत्री अमित शाह के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को लेकर दिए गए बयान पर बवाल जारी जारी है। बसपा प्रमुख मायावती ने हमला बोलते हुए कहा कि उनके बयान से बाबा साहेब की गरिमा और अस्तित्व को ठेस पहुंची है। उन्हें अपने शब्द जल्दी वापस ले लेने चाहिए। इस दौरान मायावती ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा है।

दरअसल, अमित शाह मंगलवार को संसद के उच्च सदन राज्यसभा में अंबेडकर के बारे में अपनी टिप्पणी को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर हैं। केंद्रीय गृहमंत्री ने राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। इसके बाद शाह ने बुधवार को अपने बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया था।

'शाह के बयान से बाबा साहेब की गरिमा को ठेस पहुंचीं'

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि 'भारतीय संविधान के निर्माता और दलितों व अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा डॉ भीमराव अंबेडकर के बारे में संसद में अमित शाह द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों से बाबा साहेब की गरिमा और अस्तित्व को गहरी ठेस पहुंची है और एक तरह से उनका अपमान हुआ है। अब पूरे देश में उनके अनुयायियों में जबरदस्त गुस्सा और आक्रोश है और उन्हें अपने ये शब्द वापस लेने चाहिए और इसके लिए पश्चाताप भी करना चाहिए। अन्यथा, उनके (बी.आर. अंबेडकर) अनुयायी इसे कभी नहीं भूल पाएंगे, ठीक उसी तरह जैसे वे डॉ. बी.आर. अंबेडकर के प्रति कांग्रेस के कुकृत्यों को नहीं भूल पाए हैं।'

मायावती ने कांग्रेस को भी लिया आड़े हाथ

उन्होंने आगे कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहेब के देहांत के बाद उनके नाम को और संविधान निर्माण में रहे उनके अहम योगदान को भी इतिहास के पन्नों से मिटाने की भी पूरी-पूरी कोशिश की है। ये पार्टी अपने मकसद में भी जरूर कामयाब हो जाती अगर बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर के देहांत के बाद इनके अधूरे रहे काम को पूरा करने के लिए कांशीराम अपना पूरा जीवन समर्पित नहीं कर देते तो कांग्रेस अपने मंसूबों में कामयाब हो जाती।’

'मुझे भी अपनी पूरी जिंदगी समर्पित…'

बसपा प्रमुख ने कहा कि 'बाबा साहेब के सपनों को मंजिल तक पहुंचाने के लिए मुझे भी अपनी पूरी जिंदगी समर्पित करनी पड़ी है। कांशीराम ने बाबा साहेब के संघर्ष और उनके कारवां को खत्म करने वाली कांग्रेस के सभी साम-दाम-दंड-भेद समेत अन्य का मुकाबला करने के बाद बसपा का गठन किया है। जिसे अब कांग्रेस, बीजेपी समेत अन्य जातिवादी और संकीर्ण मानसिकता रखने वाली पार्टियां तरह-तरह के हथकंडे इस्तेमाल करके कमजोर करने में लगी है।'

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अपडेटेड 19:43 IST, December 19th 2024