Published 15:04 IST, August 8th 2024
'सुना है अध्यक्ष जी आपके भी अधिकार छीने जा रहे हैं',अखिलेश के बोलते ही शाह ने दिया जवाब-आप गोलमोल...
अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा कि मैंने सुना कि स्पीकर के कुछ अधिकार छीने जा रहे हैं और हमें इसके लिए लड़ना होगा। इस पर अमित शाह तुरंत खड़े हो गए और आपत्ति जताई।
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Akhilesh Yadav Vs Amit Shah: लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच हल्की नोंकझोंक देखी गई है। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर लोकसभा में बोलते हुए अखिलेश यादव ने स्पीकर के अधिकारों को लेकर टिप्पणी की तो गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें तुरंत टोक दिया। सदन में अमित शाह ने जवाब दिया और कहा कि आप इस तरह की गोलमोल बात नहीं कर सकते।
अखिलेश यादव ने लोकसभा में पहले वक्फ विधेयक पर अपनी बात कही। विधेयक का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि ये बिल जो पेश हो रहा है, वो बहुत सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी हताश निराश कुछ कट्टर समर्थकों के लिए ये बिल ला रही है। मैं इस बिल का विरोध करता हूं।
जब आमने-सामने आए अखिलेश-अमित शाह
इसी बीच अखिलेश ने टिप्पणी की कि, 'अध्यक्ष महोदय, मैंने लॉबी में सुना कि आपके कुछ अधिकार भी छीने जा रहे हैं और हमें आपके लिए लड़ना होगा।' सपा प्रमुख के इस बयान पर अमित शाह ने उन्हें सदन में ही जवाब दिया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, 'अखिलेश जी, क्या इस तरह की गोलमोल बात आप नहीं कर सकते, आप स्पीकर के अधिकार के संरक्षक नहीं हो।'
वक्फ विधेयक पर लोकसभा में हंगामा
वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से जुड़े विधेयक को लोकसभा में पेश किया गया है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया। सदन के पटल में विधेयक रखे जाने के बाद विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया है। कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी (एससीपी), समाजवादी पार्टी और डीएमके समेत विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया है। केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड अधिनियम 1995 में प्रस्तावित संशोधन लेकर आई है, जिसे वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 नाम दिया गया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्डों में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाना है, जिसमें महिलाओं को अनिवार्य रूप से शामिल करना भी शामिल है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 क्या है?
विधेयक में किसी भी वक्फ संपत्ति के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का प्रस्ताव है, ताकि संपत्ति का मूल्यांकन किया जा सके। इसमें ये भी कहा गया है कि 'इस अधिनियम के लागू होने से पहले या बाद में वक्फ संपत्ति के रूप में पहचानी गई या घोषित की गई कोई भी सरकारी संपत्ति वक्फ संपत्ति नहीं मानी जाएगी'। जिला कलेक्टर ये तय करने वाला मध्यस्थ होगा कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या सरकारी भूमि और ये निर्णय अंतिम होगा। एक बार निर्णय लेने के बाद कलेक्टर राजस्व रिकॉर्ड में आवश्यक परिवर्तन कर सकता है और राज्य सरकार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकता है। विधेयक में ये भी कहा गया है कि कलेक्टर की ओर से राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश करने तक ऐसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा।
15:04 IST, August 8th 2024