sb.scorecardresearch

Published 16:21 IST, December 13th 2024

लोकसभा चुनाव में ऐसे नतीजे नहीं आते तो सरकार ने संविधान बदलने का काम किया होता: प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारा संविधान लोगों के लिए सुरक्षा कवच है जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है। यह न्याय, एकता, और अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है।

Follow: Google News Icon
  • share
 Priyanka Gandhi in Lok Sabha
Priyanka Gandhi in Lok Sabha | Image: Sansad TV

Priyanka Gandhi in Lok Sabha: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को सरकार पर तीखा प्रहार किया और दावा किया कि यदि लोकसभा चुनाव के नतीजे इस तरह नहीं आते तो यह सरकार संविधान बदलने का काम करती। उन्होंने लोकसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि ‘एक व्यक्ति’ को बचाने के लिए देश की जनता को नकारा जा रहा है। वायनाड से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद सदन में उनका यह पहला भाषण था।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘‘हमारा संविधान लोगों के लिए सुरक्षा कवच है जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है। यह न्याय, एकता, और अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है।’’ उन्होंने कहा कि ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये आरक्षण को कमजोर किया जा रहा है। प्रियंका गांधी ने लोकसभा चुनाव के नतीजों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘अगर लोकसभा में ये नतीजे नहीं आए होते तो ये (सत्तारूढ़ दल) संविधान बदलने का काम करते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में इन्हें (भाजपा) हारते-हारते जीतने से एहसास हुआ कि इस देश में संविधान बदलने की बात नहीं चलेगी।’’

प्रियंका गांधी का कहना था कि आज जाति जनगणना का जिक्र सत्तापक्ष कर रहा है क्योंकि ऐसे नतीजे आए। कांग्रेस सांसद का तात्पर्य इस बात से था कि लोकसभा चुनाव में भाजपा बहुमत से दूर रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आर्थिक न्याय का कवच तोड़ रही है। कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि आज किसान भगवान भरोसे है।

प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक दस्तावेज नहीं है...हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद, अभिव्यक्ति और अकांक्षा की वह जोत है जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जलती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद और आशा की एक जोत हमने देश के कोने-कोने में देखी है।’’ प्रियंका गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका नाम पुस्तकों से मिटाया जा सकता है, भाषणों से मिटाया जा सकता है, लेकिन आजादी और देश के निर्माण में उनकी भूमिका को नहीं मिटाया जा सकता।

Updated 16:21 IST, December 13th 2024