पब्लिश्ड 09:17 IST, January 19th 2024
फारूक अब्दुल्ला की जुबान पर भगवान राम का नाम; गुनगुना रहे- आंगन मेरा सूना-सूना किस गली गयो मेरे राम
जब पूरा हिंदुस्तान ही राममय है, फारूक अब्दुल्ला भी राम गीत गाने लगे हैं। जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक ने एक इंटरव्यू में एक राम भजन सुनाया है।
Farooq Abdullah: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) भी रामभक्ति में ली हो गए हैं। उनकी जुबान पर भगवान राम का नाम है और वो रामगीत (Ram Bhajan) का रहे हैं। ये सब ऐसे वक्त में है, जब पूरा हिंदुस्तान ही राममय है। राम के नाम की गूंज चारों ओर है। देशभर के रामभक्तों को उस पल का इंतजार है, जब मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Lala Pran Pratishtha) की जाएगी और भगवान श्रीराम के दर्शन हो सकेंगे।
फारूक अब्दुल्ला ने हाल ही में राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को उनके यूट्यूब चैनल पर एक इंटरव्यू दिया। इस दौरान फारूक से जब राम भजन सुनाने को कहा गया तो उन्होंने राम नाम में लीन होकर बड़े मन से राम भजन सुनाया। फारूक ने 'मेरे राम मेरे राम किस गली गयो मेरे राम... आंगन मेरा सूना, आंगन मेरा सूना, किस गली गयो मेरे राम' गीत गाया।
राम सबके हैं: फारूक अब्दुल्ला
गीत के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राम सबके हैं। कोई माने या ना माने राम पूरे विश्व के हैं। भगवान राम के आदर्श ही हिंदुस्तान और पूरे विश्व को बचा सकते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल के मुताबिक, फारूक अब्दुल्ला राम के भजन गाते हैं।
INDI गठबंधन पर फारूक का बड़ा बयान
इसी इंटरव्यू में फारूक अब्दुल्ला ने एक ऐसी टिप्पणी भी की, जो INDI गठबंधन को टेंशन दे सकती है। फारूक ने आशंका जताई है कि कुछ दल अलग गठबंधन बना सकते हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक ने कहा, 'अगर सीट-बंटवारे की व्यवस्था को अंतिम रूप नहीं दिया तो ये गठबंधन के लिए खतरा है।' फारूक ने कहा कि इसे समयबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए। इसी के साथ उन्होंने कहा, ‘ये संभव है कि कुछ दल अलग गठबंधन बनाने के लिए एक साथ आ सकते हैं, जो मुझे सबसे बड़ा खतरा लगता है।’
INDI अलायंस की पार्टियों को फारूक की सलाह
हालांकि फारूक ने आगे कहा, 'पार्टियों को केवल वहीं सीटें मांगनी चाहिए, जहां उनका दबदबा है। जहां वे प्रभावी नहीं हैं, वहां सीटें मांगना गलत है।' उन्होंने कहा 'लोकतंत्र खतरे में है, ऐसे में आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी। वो चुनौती हमारे सामने है। अगर हम अपने अहंकार को छोड़कर एक साथ मिलकर ये नहीं सोचते कि इस देश को कैसे बचाया जाए, तो मुझे लगता है कि यह हमारी ओर से सबसे बड़ी गलती होगी।'
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अपडेटेड 10:58 IST, January 19th 2024